कस्बे के बाजार में भी रौनक रही। श्रद्धालुओं ने बाबा की आस्था के केंद्र रामसरोवर तालाब, परचा बावड़ी, झूला पालना के भी दर्शन किए। गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र सहित राजस्थान के विभिन्न ज़िलों से श्रद्धालु रामदेवरा पहुंचे।
निजी वाहनों व यात्री वाहनों से श्रद्धालु शुक्रवार की दोपहर में आने शुरू हो गए थे। वहीं समाधि समिति ने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए समाधि के द्वार श्रद्धालुओं के लिए रात्रि 2 बजे तक खुले रखे। इस दौरान पुलिस बल तैनात रहा।
स्वर्ण मुकुट से सजी समाधि
दूज के अवसर पर समाधि पर श्रवण मुकुट स्थापित किया गया। सुबह अभिषेक के बाद बाबा की समाधि पर श्रवण मुकुट स्थापित किया गया। शुक्ल पक्ष की दूज के दिन बाबा की समाधि पर विशेष पूजा-अर्चना करवाई जाती है और आरती के बाद मुकुट स्थापित किया जाता है।
दो किमी लंबी हुई कतारें
लोक देवता बाबा रामदेव समाधि दर्शन के लिए रामदेवरा आए श्रद्धालुओं के विशाल काफिले से मुख्य बाजार में पैर धरने की जगह नहीं रही। करीब दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने शुक्रवार और शनिवार देर शाम को बाबा रामदेव समाधि के दर्शन कर मंगल कामना की, वहीं शनिवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते क्षेत्र में मुख्य मंदिर रोड से लेकर बाफना धर्मशाला तक लंबी कतार लगी रही।
लंबी कतारों और विशेष व्यवस्था के बावजूद श्रद्धालुओं को भीषण गर्मी और उमस में 7 से 8 घंटे बाबा रामदेव समाधि दर्शन के लिए लगे। भीषण गर्मी व उमस से बचाव के लिए समाधि समिति की तरफ से विशेष व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए की गई थी।