सप्ताहांत में खेले गए क्लासिकल मैच ड्रॉ पर समाप्त हुए थे। शनिवार के शुरुआती मैच में दिव्या ने सफेद मोहरों से खेलते हुए एक मजबूत स्थिति बनाई, लेकिन हम्पी को देर से बराबरी का मौका दिया। रविवार को दूसरा मैच ज्यादा संतुलित था, हालाकि दिव्या ने स्वीकार किया कि वह बिना किसी स्पष्ट कारण के मुश्किल में पड़ गईं थी और फिर उन्होंने अपनी पकड़ बनाए रखी।
लेकिन टाई-ब्रेक में दिव्या देशमुख ने बाजी पलट दी। पहला रैपिड गेम ड्रॉ होने के बाद दूसरे गेम में हम्पी समय के दबाव में लड़खड़ा गईं। कोनेरू हम्पी ने कई बेजा गलतियां कीं, जिनका दिव्या ने फायदा उठाया। दृढ़ निश्चय के साथ दिव्या ने जीत हासिल की और 2025 महिला वर्ल्ड कप चैंपियन बनने के साथ ही साथ ग्रैंडमास्टर का खिताब जीतने वाली चौथी भारतीय महिला और देश की कुल 88वीं ग्रैंडमास्टर बनीं।
दिव्या देशमुख को मिलेंगे करीब 42 लाख रुपए
इस जीत के साथ दिव्या देशमुख को 50,000 डॉलर ( करीब 42 लाख रुपए) की पुरस्कार राशि, जबकि कोनेरू हम्पी को 35,000 डॉलर (29.1 लाख रुपए) की पुरस्कार राशि मिलेगी। FIDE महिला विश्व कप 2025 खिताब जीतने के बाद दिव्या देशमुख ने कहा, यह मेरी किस्मत थी। टूर्नामेंट के शुरू होने से पहले मैं यहां ग्रैंड मास्टर नॉर्म हांसिल कर लूं और आखिर में मैं ग्रैंड मास्टर बन गई। यह जीत नागपुर की दिव्या देशमुख के लिए एक शानदार उपलब्धि है, जिसने पिछले साल ही विश्व जूनियर चैंपियनशिप का खिताब जीता था। उसने बुडापेस्ट में होने वाले 2024 शतरंज ओलंपियाड में भारत के स्वर्ण पदक जीतने में अहम भूमिका निभाई और अपने बोर्ड पर व्यक्तिगत स्वर्ण भी हासिल किया था।
महिला कैंडिडेट्स के लिए किया क्वालीफाई
दिव्या देशमुख वर्ल्ड चैंपियन बनने के साथ ही अगले साल महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है। वह इस टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाली दूसरी भारतीय हैं। कोनेरू हंपी ने भी फाइनल में प्रवेश के साथ ही महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई कर लिया ।