क्रिकेट की दुनिया में दीवार के नाम से मशहूर पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ओवल में सर्वाधिक रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज हैं। उन्होंने केवल 3 मैचों में 443 रन बनाए हैं, इस दौरान उनका औसत 110.75 का रहा। द्रविड़ ने इस मैदान पर दो शतक और एक अर्धशतक जड़े हैं। खास तौर पर 2011 में द्रविड़ ने 146* रनों की नाबाद पारी खेलकर अपनी तकनीकी दक्षता और धैर्य का परिचय दिया था। इस मुक़ाबले में वे ओपन करने आए थे और बैट कैरी करते हुए नॉट आउट वापस गए थे।
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर इस सूची में दूसरे स्थान पर हैं। उन्होंने 4 मैचों में 272 रन बनाए हैं, इस दौरान उनका औसत 45.33 का रहा। सचिन ने ओवल में तीन अर्धशतक बनाए, लेकिन शतक का खाता नहीं खोल सके। उनकी तकनीकी सूझबूझ और ओवल की चुनौतीपूर्ण पिचों पर रन बनाने की क्षमता ने उन्हें इस मैदान पर खास बनाया।
पूर्व भारतीय कप्तान और ऑलराउंडर रवि शास्त्री ने ओवल में केवल 2 मैचों में 84.3 की शानदार औसत से 253 रन बनाए हैं। शास्त्री ने यहां एक शतक और एक अर्धशतक जड़ा है। उनकी आक्रामक और संयमित बल्लेबाजी ने 1980 के दशक में भारतीय टीम को इस मैदान पर मजबूती प्रदान की। शास्त्री की पारियां उस दौर में भारतीय क्रिकेट की रीढ़ थीं।
आधुनिक भारतीय क्रिकेट के स्टार केएल राहुल ने ओवल में केवल 2 मैचों में 249 रन बनाए, जिसमें उनका औसत 62.25 रहा। राहुल ने एक शतक बनाया, जो 2021 के इंग्लैंड दौरे के दौरान आया। उनकी यह पारी ओवल की मुश्किल परिस्थितियों में उनकी तकनीक और धैर्य का शानदार उदाहरण थी। राहुल की बल्लेबाजी में क्लास और आधुनिकता का मिश्रण साफ दिखता है।
गुंडप्पा विश्वनाथ को उनकी कलाई के जादू के लिए जाना जाता है। इस भारतीय दिग्गज ने यहां 3 मैचों में 48.20 के शानदार औसत से 241 रन बनाए हैं। विश्वनाथ ने ओवल में तीन अर्धशतक बनाए। उनकी बल्लेबाजी में सुंदरता और तकनीकी कौशल की झलक दिखती थी, जिसने 1970 के दशक में भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
भारत के महान सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर के नाम टेस्ट क्रिकेट में ढेरों रिकॉर्ड दर्ज़ हैं। गावस्कर ने ओवल में तीन मैचों में 60 के जोरदार औसत से 240 रन बनाए बनाए हैं। महान बल्लेबाज ने यहां एक दोहरा शतक भी लगाया है। जो 1979 में 221 रनों की ऐतिहासिक पारी थी।
भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने ओवल में 4 मैचों में मात्र 29 के औसत से 232 रन बनाए हैं। हालांकि यहां पर उनका औसत बेहद खराब रहा है। कोहली ने ओवल में एक अर्धशतक लगाया है।
महेंद्र सिंह धोनी ने 3 मैचों में 230 रन बनाए हैं, उनका औसत 38.33 का रहा। धोनी ने यहां दो अर्धशतक बनाए हैं, जो उनकी मध्यक्रम में स्थिरता प्रदान करने की क्षमता को दर्शाते हैं। ओवल में धोनी की पारियां भारतीय टीम के लिए संकटमोचक रहीं।
बल्लेबाज | मैच | रन | औसत | 100/50 |
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राहुल द्रविड़ | 3 | 443 | 110.75 | 2/1 |
सचिन तेंदुलकर | 4 | 272 | 45.33 | 0/3 |
रवि शास्त्री | 2 | 253 | 84.33 | 1/1 |
केएल राहुल | 2 | 249 | 62.25 | 1/0 |
गुंडप्पा विश्वनाथ | 3 | 241 | 48.20 | 0/3 |
सुनील गावस्कर | 3 | 240 | 60.00 | 1/0 |
विराट कोहली | 4 | 232 | 29.00 | 0/1 |
महेंद्र सिंह धोनी | 3 | 230 | 38.33 | 0/2 |
विजय मर्चेंट | 2 | 228 | 76.00 | 1/1 |
कपिल देव | 3 | 223 | 55.75 | 1/1 |
भारतीय क्रिकेट के शुरुआती सितारों में से एक विजय मर्चेंट ने 2 मैचों में 76 की औसत से 228 रन बनाए हैं। मर्चेंट ने यहां एक शतक और एक अर्धशतक बनाया हैं। उनकी बल्लेबाजी 1940 के दशक में भारतीय क्रिकेट की नींव रखने में महत्वपूर्ण थी।
भारत के पूर्व कप्तान और महान ऑलराउंडर कपिल देव ने 3 मैचों में 223 रन बनाए हैं, इस दौरान उनका औसत 55.75 का रहा। कपिल ने ओवल में एक शतक और एक अर्धशतक जड़े हैं। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी ने न केवल रन बनाए, बल्कि विपक्षी गेंदबाजों पर दबाव भी बनाया।