25 मिनट में 9 आतंकी ठिकाने तबाह, कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका ने बताया कैसे ऑपरेशन सिंदूर को दिया अंजाम
Operation Sindoor को लेकर भारतीय सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय ने संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग जारी की है। इसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री, वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी शामिल हुए।
Operation Sindoor: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जवाब देते हुए भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में फैले नौ आतंकी शिविरों को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया। इस ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई की जानकारी सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय की संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग में दी गई। प्रेस ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री, भारतीय सेना की लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह शामिल हुईं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े तमाम सैन्य और कूटनीतिक पहलुओं को विस्तार से साझा किया।
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का मकसद पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाना था। इस हमले में कुल 26 निहत्थे पर्यटक, जिनमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक शामिल थे, की निर्मम हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा, पाकिस्तान में बीते तीन दशकों में आतंकवाद का एक संगठित ढांचा खड़ा किया गया है, जो पीओके में भी फैला हुआ है। इन ढांचों को ही लक्ष्य बनाकर 9 आतंकी शिविरों को ध्वस्त किया गया।
#WATCH | Delhi | #OperationSindoor| Foreign Secretary Vikram Misri says, "…Pakistan has been known to willfully mislead the world and international forums, such as the Financial Action Task Force. The Sajid Mir case, in which this terrorist was declared dead and then, in… pic.twitter.com/xgFPvb2Kfx
उन्होंने कहा कि पुख्ता इंटेलिजेंस इनपुट के बाद ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया। पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद मे लश्कर के ट्रेनिंग सेंटर पर हमला किया गया। आतंकियों ने यहीं से प्रशिक्षण लिया था। बरनाला कैंप भी ध्वस्त किया गया। इसके अलावा सियालकोट में महमूना कैंप को भी तबाह किया गया।
#WATCH | Markaz Ahle Hadith, Barnala and Markaz Abbas, Kotli located 9 km and 13 km from LoC, respectively, were targeted by the Indian Armed Forces as a part of #OperationSindoorpic.twitter.com/QnTp9tWsrS
उन्होंने खुलासा किया कि पीओजेके में पहला निशाना मुजफ्फराबाद के सवाई नाला कैंप को बनाया गया, जो नियंत्रण रेखा से 30 किमी दूर है और लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण अड्डा था। यहीं से सोनमर्ग (20 अक्टूबर 2024), गुलमर्ग (24 अक्टूबर 2024) और पहलगाम (22 अप्रैल 2025) हमलों में शामिल आतंकियों को प्रशिक्षण मिला था।
25 मिनट में ऑपरेशन, बिना किसी नागरिक को नुकसान
वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि हमला रात 1:05 बजे शुरू हुआ और 1:30 बजे तक चला। इस दौरान वायुसेना ने बेहद सटीक तरीके से हमले किए ताकि नागरिक ढांचे को नुकसान न पहुंचे और किसी आम नागरिक की जान न जाए। उन्होंने कहा कि हमने उच्च स्तरीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर ही स्थानों का चयन किया। ऑपरेशन की योजना में सेना, वायुसेना और खुफिया एजेंसियों की समन्वित भूमिका रही।
हमला सिर्फ पर्यटकों पर नहीं, पूरे भारत पर था: विदेश सचिव
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस ब्रीफिंग की शुरुआत एक वीडियो क्लिप से की, जिसमें संसद हमला (2001), मुंबई हमला (2008), उरी, पुलवामा और अब पहलगाम हमले की झलक दिखाई गई। उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला किया, और परिवार के सामने उन्हें बेहद नजदीक से गोली मारकर मौत के घाट उतारा। हमला सिर्फ निर्दोष पर्यटकों पर नहीं, बल्कि भारत की राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सौहार्द और पर्यटन पर था।
रेजिस्टेंस फ्रंट नामक आतंकी संगठन ने ली थी हमले की जिम्मेदारी
मिस्री ने बताया कि रेजिस्टेंस फ्रंट नामक आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली है, जो लश्कर से जुड़ा संगठन है। खुफिया जांच से यह साफ हुआ कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान की भूमिका रही है। उन्होंने आगे कहा, हमारी खुफिया एजेंसियों को संकेत मिले हैं कि भविष्य में भारत पर और हमले हो सकते हैं। इसलिए हमने सीमा पार जवाब देने का अधिकार प्रयोग किया और यह कार्रवाई नपी-तुली, जिम्मेदार और अनुपातिक रही।