पाकिस्तान के नौ प्रमुख शहरों पर हमले
भारत द्वारा किए गए ड्रोन हमले पाकिस्तान के नौ शहरों में हुए, जिनमें प्रमुख शहर जैसे रावलपिंडी, लाहौर और कराची शामिल थे। इन हमलों के दौरान, पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों और एयर डिफेंस नेटवर्क को भारी नुकसान हुआ। विशेष रूप से रावलपिंडी का एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह नष्ट हो गया, जिससे पाकिस्तानी सेना को बड़ा झटका लगा।
भारत के पास पांच S-400 मिसाइलें
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार रूस के एक अधिकारी ने दुबई में बताया कि भारत ने रूस से 2018 में रूस से लगभग 5.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (एक अरब रुपये ) में पांच S-400 मिसाइलें खरीदी थीं और यह तय समय के अनुसार चल रही हैं। प्रतिष्ठान के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है।
हर प्रकार के हवाई हमलों से सुरक्षा देने वाला कवच
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार S-400 एयर डिफेंस सिस्टम किसी भी प्रकार के हवाई खतरे जैसे—स्ट्रैटेजिक बॉम्बर, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर प्लेन, टोही विमान, अर्ली वॉर्निंग एयरक्राफ्ट, फाइटर जेट, सशस्त्र ड्रोन या बैलिस्टिक मिसाइल—को न केवल ट्रैक करता है, बल्कि 500 किलोमीटर दूर से पहचान कर उसे खत्म भी कर देता है। इसकी मारक क्षमता और सटीकता के कारण इसे दुनिया के सबसे घातक डिफेंस सिस्टम्स में शुमार किया जाता है।
भगवान श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र से तुलना
भारत का S-400 एयर डिफेंस सिस्टम एक ऐसा घातक हथियार है जो 400 किलोमीटर की परिधि में आने वाली किसी भी हवाई चुनौती को पल भर में मिटा सकता है। इसकी तुलना भगवान श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र से की जा सकती है, जो हर दिशा में घूमता है और दुश्मन को खत्म कर देता है। ठीक वैसे ही, S-400 के घूर्णनशील रडार चारों दिशाओं में नजर रखते हैं और किसी भी दिशा से आने वाले खतरे को तत्काल नष्ट कर सकते हैं।
S-400 मिसाइल प्रणाली का महत्व (Russia military technology)
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार S-400 प्रणाली भारत की सबसे शक्तिशाली रक्षा तकनीकों में से एक है, जिसे रूस द्वारा विकसित किया गया है। यह प्रणाली हवा से जमीन तक की मिसाइलों, विमानों, और अन्य दुश्मन के खतरों को सटीकता से नष्ट करने में सक्षम है। भारतीय सेना ने S-400 को देश की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम के रूप में चुना है, और इसका इस्तेमाल पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के खिलाफ किया जा रहा है। S-400 प्रणाली का इस्तेमाल दुनिया की सबसे उन्नत रक्षा प्रणालियों में होता है। यह भारतीय सेना के लिए एक निर्णायक शक्ति साबित हो रही है, जो किसी भी तरह के संभावित हमले से निपटने के लिए तैयार है।
यह है सतह से हवा में मार करने वाली प्रणाली
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली रूस द्वारा विकसित की गई एक उन्नत सतह से हवा में मार करने वाली प्रणाली है, जिसे उच्च गति और सटीकता से दुश्मन के विमान, मिसाइलों, और अन्य हवाई खतरों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह एक बहु-कार्यात्मक प्रणाली है जो कई प्रकार के लक्ष्यों को एक साथ ट्रैक और नष्ट कर सकती है।
S-400 के हमले की प्रक्रिया इस प्रकार होती है
लक्ष्य की पहचान: S-400 प्रणाली अपने रडार के माध्यम से दुश्मन के विमानों, मिसाइलों या ड्रोन को लंबी दूरी से पहचान सकती है। यह 600 किमी तक के लक्ष्य को ट्रैक करने में सक्षम है। सटीक मार्गदर्शन: एक बार जब लक्ष्य का पता चलता है, तो प्रणाली स्वचालित रूप से सबसे उपयुक्त मिसाइल को चुनती है। S-400 में विभिन्न प्रकार की मिसाइलें होती हैं, जिनका उपयोग विभिन्न रेंज और गति के लक्ष्यों के खिलाफ किया जा सकता है।
मिसाइल का प्रक्षेपण: S-400 सिस्टम द्वारा चयनित मिसाइल, जिसे एक लॉन्च पैड से प्रक्षिप्त किया जाता है, अत्यधिक सटीक मार्गदर्शन प्रणालियों के साथ लक्ष्य को निशाना बनाती है। ट्रैकिंग और नष्ट करना ((radar tracking)): मिसाइल लक्ष्य के पास पहुंचने पर, इसे अपने रडार के माध्यम से ट्रैक किया जाता है और फिर इसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाता है। यह प्रणाली एक साथ कई लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम है, जिससे दुश्मन की हवाई ताकत को कमजोर किया जा सकता है।
S-400 की क्षमता की वजह से यह युद्धक परिस्थितियों में बहुत प्रभावी बनती है, और यह दुश्मन के हवाई हमलों का कड़ा प्रतिकार करती है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने भारतीय ड्रोन हमलों का विरोध करते हुए दावा किया कि उसने भारतीय हमलों के खिलाफ 50 ड्रोन को मार गिराया। हालांकि, इस प्रतिक्रिया से पाकिस्तान की स्थिति को अधिक मजबूती नहीं मिली क्योंकि भारतीय हमले अत्यधिक सटीक और प्रभावी थे।
भारत का संदेश : सीमा पर आक्रमकता सहन नहीं
भारत ने इस सैन्य कार्रवाई के जरिए पाकिस्तान को यह संदेश दिया है कि वह अपनी सीमा पर किसी भी प्रकार की आक्रामकता को सहन नहीं करेगा। भारतीय रक्षा मंत्री ने इस बात को स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद और संघर्ष की किसी भी कार्रवाई का सख्त जवाब मिलेगा।
किसी भी सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए तैयार
बहरहाल भारत का यह कदम न केवल पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने वाला है, बल्कि भारत की रक्षा क्षमताओं को भी वैश्विक स्तर पर प्रमुखता से स्थापित करता है। S-400 के उपयोग ने यह साबित कर दिया है कि भारत अब अपनी सुरक्षा को लेकर और भी सशक्त हो गया है और किसी भी सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।