दुनिया को दिखाई भारत की ताकत
सोफिया और
व्योमिका ने भारतीय सेना की ताकत और पराक्रम को दुनिया के सामने रखा। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना किस तरह पाकिस्तान के पाले जा रहे आतंकवाद को खत्म कर रही है। गौरतलब है कि
पहलगाम हमले में आंतकियों ने पुरूषों की हत्या कर उनकी पत्नियों को छोड़ दिया था। इसे भारत ने विवाहित महिलाओं के सिंदूर की अस्मिता से जोड़ा। सैन्य कार्रवाई की जानकारी महिला अधिकारियों से दिलवाने की एक बड़ी वजह यह भी रही।
सांप्रदायिक दंगे कराने की थी साजिश
विदेश सचिव विक्रम मिसरी का कहना है कि पहलगाम का हमला अत्यधिक बर्बरतापूर्ण था, जिसमें वहां मौजूद लोगों को करीब से और उनके परिवारों के सामने सिर पर गोली मारी गई। हत्या के इस तरीके से परिवार के सदस्यों को जानबूझकर आघात पहुंचाया गया, साथ ही उन्हें यह नसीहत भी दी गई कि वे वापस जाकर इस संदेश को पहुंचा दें। यह हमला स्पष्ट रूप से जम्मू और कश्मीर में बहाल हो रही सामान्य स्थिति को बाधित करने के उद्देश्य से किया गया था। चूंकि पर्यटन फिर से अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार बन रहा था, इस हमले का मुख्य उद्देश्य इसे प्रतिकूल रूप से प्रभावित करना था।
आतंकियों के विफल हुए प्रयास
पिछले वर्ष सवा दो करोड़ से अधिक पर्यटक कश्मीर आए थे। इस हमले का मुख्य उद्देश्य इसलिए संभवत: यह था कि इस संघ राज्य क्षेत्र में विकास और प्रगति को नुकसान पहुंचाकर इसे पिछड़ा बनाए रखा जाए और पाकिस्तान से लगातार होने वाले सीमा पार आतंकवाद के लिए उपजाऊ जमीन बनाने में सहायता की जाए। हमले का यह तरीका जम्मू और कश्मीर और शेष देश में सांप्रदायिक दंगे भडक़ाने के उद्देश्य से भी प्रेरित था। इसका श्रेय सरकार और भारत के सभी नागरिकों को दिया जाना चाहिए कि इन प्रयासों को विफल कर दिया गया।
आतंक के खिलाफ सभी लड़ रहे बराबरी से
दरअसल, भारत में मुस्लिम वर्ग के एक बड़े हिस्से पर पाकिस्तान के प्रति नरमाई बरतने के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में पहलगाम आतंकी हमला टर्निंग पाइंट साबित हुआ है। जहां मुस्लिम समाज के नेताओं से लेकर धर्म गुरु और आम लोगों ने बेगुनाह लोगों की हत्या पर निंदा करते हुए इसे इस्लाम के खिलाफ बताया। साथ ही कर्नल सोफिया कुरैशी के माध्यम से सरकार ने कड़ा संदेश दिया कि भारत की एकता-अखंडता के लिए हर धर्म, जाति और वर्ग के लोग बराबरी से जुटे हुए हैं।