कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राहुल द्विवेदी, अध्यक्ष, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन संवर्धन परिषद् रहे। उन्होंने पौधारोपण कर समारोह की शुरुआत की और अपने संबोधन में कहा कि प्रकृति ही हमारी संस्कृति की जड़ है। देवी दुर्गा की आराधना के साथ-साथ हमें उनकी सृष्टि की रक्षा का भी संकल्प लेना चाहिए। वृक्षारोपण पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक पवित्र विरासत बनेगी।
इस अवसर पर अग्रणी पूजा महोत्सव संघ और परिषद् की ओर से यह घोषणा की गई कि दुर्गा पूजा के दौरान 11,000 पौधे वितरित किए जाएंगे। यह पहल समाज में हरियाली के प्रति जागरूकता और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व को प्रोत्साहित करेगी।
संघ के पदाधिकारियों, सदस्यों और उनके परिजनों ने सामूहिक वृक्षारोपण में भाग लेकर “एक पौधा – मां दुर्गा को अर्पण” की भावना को जीवंत किया। यह आयोजन ना केवल सांस्कृतिक परंपराओं की तैयारी का प्रतीक बना, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनसमुदाय की साझा प्रतिबद्धता का प्रभावी उदाहरण भी प्रस्तुत किया।