दोनों राज्यों को होगा फायदा
इस परियोजना के चलते एमपी के दक्षिणी इलाके और महाराष्ट्र के उत्तरी इलाकों में पानी की सप्लाई हो सकेगी। प्रदेश सरकार का मानना है कि यह प्रोजेक्टर दुनिया का सबसे बड़ा भूजल पुनर्भरण प्रोजेक्ट होगा। प्रोजेक्ट के चलते नागपुर और उससे सटे इलाकों में पानी की समस्या से निजात मिलेगा। वहीं दूसरी ओर छिंदवाड़ा से सटे इलाकों में खेती के पानी की उपलब्धता होगी।
एमपी के इन जिलों को मिलेगा लाभ
इस परियोजना के अंतर्गत छिंदवाड़ा और खंडवा जिलों को फायदा होगा। हालांकि, इसके लिए कोई विस्थापन नहीं होगा। पहले 66 टीएमसी का जलाशय प्रस्तावित था, लेकिन वन क्षेत्रों और बाघ अभयारण्यों पर प्रभाव को देखते हुए भूजल पुनर्भरण मॉडल पर फोकस किया गया।