भारत और मालदीव ने किया समझौता
पीएम मोदी के मालदीव दौरे के दौरान भारत और मालदीव के बीच कर्ज, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA), मत्स्य पालन और वॉटर कृषि, डिजिटल परिवर्तन, फार्माकॉपिया और UPI समेत कुल 8 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इस दौरान पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने माले में रक्षा मंत्रालय के नए भवन का उद्घाटन किया।
हमारे लिए दोस्ती पहले आती है: मोदी
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए दोस्ती हमेशा पहले आती है। भारत मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी देश है। भारत की पड़ोसी पहले नीति और महासागर विजन में मालदीव का अहम स्थान है। भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद दोस्त होने पर गर्व है। उन्होंने कहा कि भारत मालदीव के साथ संकटग्रस्त, महामारी और वस्तुओं की उपलब्धता के समय में हमेशा खड़ा रहा है। भारत और मालदीव ने साथ मिलकर काम किया है।
150 साल के अंतराल में बौद्ध से इस्लामी देश बना मालदीव
मालदीव भारत के दक्षिण में हिंद महासागर में स्थित सबसे छोटा देश है। 1200 द्वीपों में फैले इस देश का क्षेत्रफल 298 वर्ग किलोमीटर है। यह दिल्ली के क्षेत्रफल से भी पांच गुना कम है। मालदीव का इतिहास 2500 साल पुराना है। 5 लाख की आबादी वाले इस देश में 98 फीसदी आबादी मुस्लिम है, लेकिन आज से लगभग 900 साल पहले यह बौद्ध व हिंदू धर्म का केंद्र था। 1153 में मालदीव इस्लाम में कनवर्ट हुआ।
व्यापार के जरिए मालदीव पहुंचा इस्लाम
मालदीव में इस्लाम का प्रवेश 9वीं और 10वीं शताब्दी में हुआ। मालदीव में इस्लाम अरब व्यापारियों के जरिए पहुंचा। मालदीव के अंतिम बौद्ध राजा धोवेमी ने साल 1153 में इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया। प्राचीन दस्तावेजों के मुताबिक उत्तरी अफ्रीका के विद्वान अबु अल बरकात अल बरबरी ने राजा को इस्लाम धर्म में धर्मांतरित कराया था। इस्लाम अपनाने के बाद धोवेमी को सुल्तान मुहम्मद इब्न अब्दुल्लाह के नाम से जाना गया। इस्लामिक शासन 6 राजवंशो तक चला। 2008 में मालदीव के नए संविधान ने इस्लाम को आधिकारिक धर्म घोषित कर दिया गया.
धावोमी ने क्यों अपनाया इस्लाम
मालदीव के लोककथाओं के मुताबिक राजा धोवेमी के वक्त वहां समुद्री राक्षस रन्नामारी का आतंक था। राक्षस को शांत करने के लिए हर महीने कन्या बलि दी जाती थी। राजा लॉटरी के जरिए कन्या का चुनाव करता था। एक बार जब एक परिवार परिवार की इकलौती बेटी को बलि के चुना गया तो यह बात अबु अल-बरकात को पता चली। बरकात उसी परिवार के अतिथि बनकर मालदीव में रुके हुए ते। बकरात ने मीनार में रात बिताने की पेशकश की। उन्होंने रात भर आयतें पढ़ी। जिसे सुनकर राक्षस भाग गया। इससे प्रेरित होकर राजा ने इस्लाम धर्म अपना लिया।