नई तकनीक और एआई के लिए पुनः प्रशिक्षण
कंपनी ने यह भी बताया कि वह नए बाजारों में कदम बढ़ाने और नई तकनीकों, खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को अपनाने के लिए अपने कर्मचारियों को नए कौशल सिखा रही है। हालांकि, इसके बावजूद 12,200 नौकरियां कम करनी पड़ेंगी। कंपनी ने कहा कि इस बदलाव को बहुत सावधानी से लागू किया जाएगा ताकि ग्राहकों को दी जाने वाली सेवाओं पर कोई फर्क न पड़े।
आंतरिक बदलावों का असर
मनीकंट्रोल से बातचीत में टीसीएस के सीईओ ने स्वीकार किया कि तकनीक और काम करने के तरीके में बदलाव आ रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम एआई और नए ऑपरेटिंग मॉडल पर जोर दे रहे हैं। काम के तरीके बदल रहे हैं और हमें भविष्य के लिए तैयार रहना होगा। कुछ भूमिकाओं में पुनर्नियुक्ति संभव नहीं रही, इसलिए यह कठिन फैसला लेना पड़ा।”
एआई नहीं, कौशल विकास कारण
जब पूछा गया कि क्या छंटनी का कारण एआई के चलते उत्पादकता बढ़ाना है, तो कृतिवासन ने साफ किया कि ऐसा नहीं है। उनका कहना था कि यह कदम भविष्य के लिए जरूरी कौशल विकसित करने के लिए है, न कि कर्मचारियों की संख्या कम करने के लिए।
सामाजिक मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
टीसीएस की इस छंटनी खबर पर सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिली हैं। एक यूजर ने चिंता जताई कि अगर टीसीएस कर रही है तो बाकी आईटी कंपनियों की हालत क्या होगी। वहीं, एक अन्य ने कहा कि एआई का खतरा अब सचमुच सामने आ गया है।
छंटनी का मतलब एआई और ऑटोमेशन से नौकरियां कम होंगी
रेडिट पर कुछ यूजर्स ने भी निराशा जताई और कहा कि छंटनी का मतलब है कि एआई और ऑटोमेशन से नौकरियां कम होंगी, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और वेतन घट सकता है। कई ने यह भी बताया कि टीसीएस के प्रबंधन को कर्मचारियों की विशेषज्ञता और इच्छाओं को समझना चाहिए।
कर्मचारी पुनः प्रशिक्षण की चुनौती
कुछ कर्मचारियों ने बताया कि वे नई तकनीक सीखने के लिए तैयार हैं, लेकिन कंपनी प्रबंधन और एचआर की अनदेखी के कारण उनकी क्षमताओं का सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। इस वजह से कई कुशल कर्मचारी गलत विभागों में काम कर रहे हैं, जो कंपनी के लिए नुकसानदायक है।
भारतीय आईटी उद्योग के लिए एक बड़ा झटका
टीसीएस की यह छंटनी खबर भारतीय आईटी उद्योग के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम तकनीकी बदलाव और एआई के बढ़ते प्रभाव का संकेत है, लेकिन यह कर्मचारियों के लिए चिंता और अनिश्चितता भी लेकर आया है। सोशल मीडिया पर कर्मचारियों और उद्योग के जानकारों ने इस फैसले पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी है -कुछ इसे जरूरी बदलाव मान रहे हैं तो कुछ इसे चिंता का विषय मान रहे हैं।
कंपनी का यह कदम आईटी फर्मों के लिए चुनौती
बहरहाल इस छंटनी के पीछे केवल तकनीकी बदलाव ही नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक मंदी और मांग में कमी जैसी वजहें भी काम कर रही हैं। इसके अलावा, टीसीएस जैसी बड़ी कंपनी का यह कदम छोटे और मझोले आईटी फर्मों के लिए भी चुनौती पेश कर सकता है। यह इंडियन आईटी सेक्टर में रोजगार की स्थिरता और भविष्य की रणनीतियों पर भी प्रभाव डालेगा। एक और पहलू यह है कि क्या एआई आधारित ऑटोमेशन के चलते आईटी क्षेत्र में नैतिक और सामाजिक प्रश्न भी उठेंगे।