परिवार के 4 सदस्यों की आत्महत्या मामला, पुलिस को सुसाइड नोट लिखा मिला- मम्मी का कोई हक न
MP News : परिवार के 4 सदस्यों ने जहरीला पदार्थ खाकर की आत्महत्या। पिता, दादी समेत दो बच्चों की मौत। आत्महत्या का कारण तो स्पष्ट नहीं, पर पुलिस को सुसाइड नोट मिला है। जानें उसमें क्या लिखा है..।
परिवार के 4 सदस्यों की आत्महत्या मामला (Photo Source- Patrika)
MP News :मध्य प्रदेश के सागर जिले के बीना के अंतर्गत आने वाले खुरई में परिवार द्वारा सामुहिक आत्महत्या करने के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। क्षेत्र के टीहर गांव में एक परिवार के 4 सदस्यों ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। मामले का खुलासा उस समय हुआ जब पुलिस को घटना स्थल से एक सुसाइड नोट मिला। हालांकि, उस सुसाइड नोट में आत्महत्या का कारण स्पष्ट तो नहीं हो सका, फिर भी कई अहम चीजों से पर्दा उठा है।
42 वर्षीय मनोहर सिंह लोधी अपने परिवार और भाई जगदीश के साथ गांव में 5 माह पहले ही खेत में बने मकान में रहने आए थे। पत्नी द्रौपदी कुछ दिन पहले मायके गई थी। शुक्रवार रात मनोहर, उनकी 70 वर्षीय मां फूलरानी लोधी, 18 वर्षीय बेटी शिवानी और 16 वर्षीय बेटे अनिकेत ने जहरीला पदार्थ खा लिया। ऊपरी मंजिल पर रह रहे बड़े भाई जगदीश ने उल्टियां करने की आवाज सुनी, तो वो दौड़कर पहुंचे। उन्होंने ही सबसे पहले पड़ोसियों को इस संबंध में बताया। सभी को सिविल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने फूलरानी और अनिकेत को मृत घोषित कर दिया। जबकि,शिवानी की इलाज के दौरान मौत हो गई और मनोहर को गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर किया गया, पर रास्ते में उसने भी दम तोड़ दिया। इस तरह इस घटनाक्रम में जहर खाने वाले सभी सदस्यों की मौत हो गई।
उन्होंने ऐसा क्यों किया?
उधर मनोहर के बड़े भाई नंदनराम ने बताया, वह चार भाई है। दो गांव में रहते हैं। जगदीश मानसिक रूप से कमजोर है। मनोहर खेती करता था। सबसे छोटा था। उसने ऐसा क्यों किया, पता नहीं चला है। शिवानी ने इसी साल सागर के एक कॉलेज में प्रवेश लिया था। वह पहले वर्ष की छात्रा थी।
सुसाइड नोट में लिखा हिसाब
परिवार के 4 सदस्यों की आत्महत्या मामला (Photo Source- Patrika) मनोहर पढ़ना लिखना नहीं जानते थे। 10वीं में पढ़ रहे अनिकेत ने सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें उन्होंने लिखा कि, पूरी जमीन 3 भाइयों को जाती है, जगदीश की सेवा करने वाले को उसकी जमीन मिलेगी। मम्मी का कोई हक नहीं है। मामा का हिसाब चुकता है। 2 लाख रुपए देने थे तो 2.40 लाख दे दिए हैं। किसी का कर्ज नहीं है। अलमारी में 1.20 लाख रुपए हैं। दादी की चीजें चारों बुआ को। पापा और दादा के फोन-पे का पासवर्ड एक ही है। फोन-पे में 68 हजार हैं। तीन भैसें तीन बुआओं को दे देना और फोन पे के 68 हजार बड़ी बुआ को देना।
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