शिक्षा की नींव डगमगाई: 48 स्कूलों में नहीं एक भी मास्साब, 122 में जरूरत से ज़्यादा शिक्षक
यह है गंभीर समस्या
ग्रामीणों का कहना है कि झकाझोर से सारंगपुर तक सडक़ खराब होने से बारिश के दिनों में आवागमन मुश्किल भरा होता है। गांव तक पहुंचने का कोई पक्का रास्ता नहीं है। बारिश के दिनों में कीचड़ और दलदल से होकर गुजरना पड़ता है। कठिन डगर में ग्रामीण अपना सफर तय करते है। वर्षों से सडक़ की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई। बरसात में हालात और भी बदतर हो जाते हैं। स्कूली बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है। गांव में यदि किसी की तबीयत बिगड़ती है तो अस्पताल पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं होता। कई बार समय पर इलाज न मिलने से लोगों की जान तक खतरे में पड़ जाती है।