दरअसल, पूरा मामला टोनहीडबरी गांव के एक युवक की शिकायत के बाद सामने आया। उसने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) को जानकारी दी कि गांव में मिशनरी एक्टिविटी महज एक साल पहले शुरू हुई। अब यह बड़ी चंगाई सभा का रूप ले चुकी है। विहिप ने गांव में लगातार तीन दौर की बैठक बुलाई। यहां धर्म, संस्कृति की रक्षा के लिए ग्रामीणों ने एकमत होकर प्रस्ताव पारित किया कि गांव में किसी भी तरह की चंगाई सभा लगाने की मंजूरी नहीं होगी।
कथित चंगाई सभा लगाने वाले शेषनारायण ठाकुर को भी यहां बुलाया गया था। उससे ग्रामीणों द्वारा पारित प्रस्ताव में हस्ताक्षर मांगा गया। उसने इससे इनकार कर दिया। विहिप कार्यकर्ताओं ने गरियाबंद में जिला कलेक्टर बीएस उइके के नाम ज्ञापन सौंपा। इसमें ग्राम सभा द्वारा पारित प्रस्ताव की कॉपी के साथ चंगाई सभा लगाकर धर्मांतरण/मतांतरण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में मेषनंदन पांडेय, रामशरण पुरैना, पोषण सिन्हा, मनोज पटेल और लोकेश वैष्णव आदि शामिल रहे।