यह लापरवाही कहीं घायलों की जान पर भारी न पड़ जाए इसलिए एक राहगीर मदद के लिए आगे आए। घायलों को अपनी कार, बाइक पर बिठाकर पांडुका के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गया। यहां फर्स्ट एड के बाद गंभीर रूप से घायल हरिकुमार बाग (18) को हायर रेफर सेंटर कर दिया गया है। वह रायपुर का रहने वाला है। रविवार को अपने 3 दोस्तों के साथ जतमई
घूमने जा रहा था। इस दौरान सुबह 6 बजे खट्टी मोड़ के पास उसकी बाइक डिवाइडर से जा टकराई। मदद की आवाज सुनकर ग्रामीण भी तुरंत मौके पर इकट्ठा हो गए।
इन्होंने ही संजीवनी 108 को फोन पर सूचना दी थी। लोगों का कहना है कि इलाके में पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। आए दिन हादसे में किसी की मौत होती है या कोई इतने गंभीर रूप से घायल हो जाता है कि सदैव के लिए विकलांग बन जाता है। उस पर स्वास्थ्य सेवाएं भी इतनी लचर कि समय पर इलाज नहीं मिलता। रविवार को हादसे में घायल युवक की मदद के लिए एंबुलेंस जब तक पहुंची, तब तक उसका काफी खून बह चुका था। एंबुलेंस काम भी न आई। इसी लेटलतीफी की वजह से घायल युवक की हालत और ज्यादा गंभीर हुई। स्वास्थ्य विभाग की यह लापरवाही आगे भी कई जिंदगियों पर भारी पड़ सकती है। ऐसे में शासन-प्रशासन को चाहिए कि तुरंत व्यवस्था में सुधार करे।
बैरिकेडिंग सुरक्षा के लिए होती है, यहां जान लेने बता दे कि खट्टी मोड़ पर दर्जनों रोड एक्सीडेंट हो चुके हैं। इनमें कई मौतें हुईं, तो कई सदा के लिए विकलांग बन गए। इन दिनों जतमई-घटारानी में भारी भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में हादसे की आशंका और बढ़ गई है। इलाके में हादसे का बड़ा कारण मोड़ पर सड़क निर्माण एजेंसी की ओर से लगाए गए बैरिकेड्स हें। आमतौर पर बैरिकेडिंग सुरक्षा के मद्देनजर की जाती है, लेकिन इस मोड़ पर बैरिकेड्स को सड़क के एकदम किनारे लगा दिया गया है। ऐसे में बाइक थोड़ी भी रतार में हो तो मोड़ते वक्त राइडर को संभलने का मौका नहीं मिलता। या तो वे बैलेंस बिगड़ने की वजह से सड़क पर ही गिर जाते हैं या बैरिकेड्स से जा टकराते हैं। लोगों की मांग है कि इसमें सुधार किया जाए।