वन अमलों के द्वारा पतासाजी करने पर यह ज्ञात हुआ कि अल सुबह ग्राम कोयबा के व्यक्तियों के द्वारा सब्जी बनाकर खाने के उद्देश्य से मृत चीतल को उठाकर पास के एक झोपड़ी में ले जाकर कुल्हाड़ी, हंसिया, चाकू और अन्य औजार से काटकर 6 हिस्सो में भागकर अपने अपने भाग को पास के ही खेत-खलियान, टीकरा में छुपाया गया था। आरोपी जीवन लाल पिता देवसिंह मांझी को पुछताछ के लिए वन परिसर बहनीझोला लाया गया और उनसे विस्तृत पूछताछ की गई। आरोपी जीवन लाल मांझी के द्वारा अन्य पांच आरोपियों का नाम एवं पता बताया गया।
वन अमले के द्वारा (1) जीवन लाल व. देवसिंह मांझी, जाति गोड, उम्र 37 वर्ष (2) रुपधर व. चौनसिंह, जाति रावत उम्र 35 वर्ष, (3) दीपचंद व. रामप्रसाद यादव, जाति-रावत, उम्र 41 वर्ष, (4) बिहारीलाल व. रामजी ध्रुव, जाति गोड, उम्र 48 वर्ष, (5) खगेश्वर व. दुर्बल सोरी, जाति गोड़, उम्र 50 वर्ष, (6) नाथुराम व. बैदराम मरकाम जाति गोड़, उम्र 72 वर्ष, सभी ग्राम कोयबा, पोस्ट थाना इंदागांव, तहसील मैनपुर, जिला गरियाबंद (छ.ग.) के निवासी से कुल्हाड़ी, हसिया, चाकु एवं 26-65 किलोग्राम चीतल का कटा हुआ कच्चा मांस जब्त किया गया और सभी छङ आरोपियों ने अपना अपना अपराध करना स्वीकार किया।
अनुप जांगडे गेमगार्ड के द्वारा सभी छह आरोपियों के विरुद्ध पीओआर क्रमांक 83/03 जारी कर वन अपराध पंजीबद्ध किया गया। विवेचना अधिकारी मनोज कुमार ध्रुव सहायक परिक्षेत्र अधिकारी कोयबा के द्वारा सभी आरोपियों को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 31,39 (3), अ.ब.स. 50,51 एवं 52 के तहत गिरफ्तार कर सक्षम न्यायालय देवभोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया।