2025-26 में 310 अशासकीय शालाओं की मान्यता नवीनीकरण व 21 शालाओं को नवीन मान्यता जारी की गई हैं। जबकि २०२४ की मान्यता के स्क्ूलों को मिलाकर वर्तमान में जिले में 392 अशासकीय शाला एवं मदरसा संचालित किए जा रहे हैं। इनके निरीक्षण के लिए जनशिक्षा केन्द्रवार 3 सदस्यीय टीम गठित की गई है। जनशिक्षा केन्द्र अंतर्गत संचालित अशासकीय शाला व मदरसों के निरीक्षण का उत्तरदायित्व गठित टीम का होगा। उन्होंने बताया शाला निरीक्षण के लिए एक प्रपत्र प्रदाय किया जा रहा है, प्रपत्र में जानकारी सभी बिंदुओं की आपके द्वारा भरी जाएगी।
स्कूलों को नवीन मान्यता भले ही मिल गई हो, लेकिन इस जांच के बाद यदि प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों में गड़बड़ी मिलती है। मान्यता संबंधी दस्तावेजों में कमी मिलती है, तो मान्यता फिर से अटकने के भी आसार है। दरअसल, शिकायतें ये आ रही है कि जिले में ३९२ स्कूलों में से ४० प्रतिशत से अधिक स्कूलों में मान्यता संबंधी सभी अर्हताएं पूरी नहीं की गई हैं।
इस मसले को लेकर मप्र प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्था संघ के रवि वर्मन ने कहा कि हम इस पर आपत्ति व्यक्त करते है। उनके अनुसार जब मान्यता की प्रक्रिया के दौरान सभी दस्तावेजों का मूल्यांकन हो चुका है और उसी आधार पर मान्यता दी गई है, तो दोबारा से यह कार्य क्यों किया जा रहा है। यह सिर्फ निजी स्कूल संचालकों को परेशान करना है। सभी इसका विरोध करते हैं।
स्कूलों की मान्यता के बाद भी कुछ शिकायतें सामने आई है। इस आधार पर कलेक्टर द्वारा यह जांच कराई जा रही है। जो जल्द पूरी की जाएगी।
मुकेश द्विवेदी, डीपीसी दमोह