Terms of reference का प्रस्ताव बनाकर सरकार को दिया
सरकारी कर्मचारियों के बड़े वर्ग का नेतृत्व करने वाले National Council of Joint Consultative Machinery (NC-JCM) ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के लिए प्रस्तावित Terms of Reference (ToR) को हाल ही में कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के जरिए सरकार को भेजा है। यह प्रस्ताव मौजूदा सैलरी स्ट्रक्चर, भत्तों, पेंशन, प्रमोशन और सेवा शर्तों में व्यापक सुधार की मांग करता है, जिससे लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों को फायदा हो सकता है।50 लाख से ऊपर कर्मचारियों को किया गया शामिल
इस रिपोर्ट से समझते हैं कि कर्मचारियों की मुख्य मांगें क्या हैं और इनका असर किस वर्ग पर पड़ेगा। सुझाव में 8वें वेतन आयोग के दायरे में जिन वर्गों को शामिल करने की सिफारिश की गई है, उनमें केंद्र सरकार के औद्योगिक और गैर-औद्योगिक कर्मचारी, ऑल इंडिया सर्विसेज के अधिकारी, रक्षा बल व अर्धसैनिक बलों के जवान, ग्रामीण डाक सेवक, केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मी, भारतीय लेखा व लेखा परीक्षा विभाग के अधिकारी, सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारी, संसद द्वारा गठित नियामक संस्थाओं के सदस्य (RBI को छोड़कर), केंद्र सरकार के स्वायत्त संस्थानों के कर्मचारी शामिल हैं।1. नया सैलरी स्ट्रक्चर बनाना
सभी लेवल के कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी 2026 से नया सैलरी पैकेज तय करने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही NC-JCM ने जोर दिया है कि न्यूनतम सैलरी तय करते समय सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों को भी ध्यान में रखा जाए ताकि जीवनयापन बेहतर ढंग से हो सके। इसके अलावा साल 1957 के Dr. Aykroyd formula को वर्तमान आर्थिक हालात के मुताबिक अपडेट करने की बात कही गई है। साथ ही 3.6 कंजम्शन यूनिट प्रति परिवार का फॉर्मूला अपनाने का सुझाव दिया है, जैसा कि श्रम मंत्रालय की 2019 की रिपोर्ट में उल्लेख था। कर्मचारी संगठनों ने Pay Matrix के Level 1, 2 और 3 को क्रमशः 4, 5 और 6 लेवल में मर्ज करने की सिफारिश भी की है ताकि असमान वेतन ढांचे को ठीक किया जा सके।2. कम से कम 3 प्रमोशन होने चाहिए
सरकारी सेवा के दौरान कम से कम 3 प्रमोशन सुनिश्चित करने की मांग कर्मचारी यूनियनों ने की है। साथ हीModified Assured Career Progression (MACP) योजना को प्रमोशन आधारित सिस्टम में बदले जाने की सिफारिश की है।3. महंगाई भत्ते को वेतन में मर्ज करना
वर्तमान महंगाई भत्ते (DA/DR) के प्रतिशत को वेतन और पेंशन में समाहित करने की बात भी प्रमुख मांगों में शामिल है।इसके साथ ही 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से पहले कर्मचारियों और पेंशनर्स को तात्कालिक राहत देने का प्रस्ताव किया गया है।