चिंताकुंटा मुनुस्वामी रमेश ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव मुझ पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि सरकारी ठेका हासिल करने के लिए तेलंगाना में भाजपा और कांग्रेस के बीच सांठगांठ है। आप आरोप लगा रहे हैं कि ऋत्विक प्रोजेक्ट्स रमेश की है, जबकि मैं 15 साल पहले इस्तीफा देने के बाद से इस कंपनी का हिस्सा नहीं हूं।
दिल्ली में ऑफर लेकर गए थे केटीआर!
इसके साथ, रमेश ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि केटी रामाराव पार्टी ‘बीआरएस’ का भाजपा में विलय करना चाहते थे। रमेश ने कहा कि जब कविता जेल में थीं, तब केटीआर दिल्ली में उनके पास एक प्रस्ताव लेकर पहुंचे थे। उन्होंने कहा था कि अगर उनके नेताओं के खिलाफ मामले वापस ले लिए जाएं और आगे कोई मामला दर्ज न किया जाए, तो बीआरएस भाजपा में विलय को तैयार है। रमेश ने कहा कि रामाराव यह प्रस्ताव लेकर दिल्ली में मेरे आवास पर पहुंचे थे। मेरे पास इसके वीडियो सबूत भी हैं। इसके साथ, अनकापल्ली के सांसद रमेश ने केटीआर को सार्वजनिक बहस की चुनौती भी दी है। उन्होंने सरकारी ठेकों से संबंधित अपने ऊपर लगे आरोपों का पुरजोर खंडन किया है।
1,650 करोड़ रुपये का ठेका मिलने की बात पूरी तरह से झूठी
शनिवार को मीडिया से बात करते हुए रमेश ने केटीआर पर तथ्यों को समझे बिना निराधार टिप्पणी करने का आरोप लगाया। रमेश ने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी द्वारा उन्हें 1,650 करोड़ रुपये के नामांकन कार्यों का ठेका देने का दावा पूरी तरह से झूठा है। उन्होंने कहा कि केटीआर को गलत जानकारी दी गई है और वे जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि मैं केटीआर के कहे अनुसार ही आऊंगा। अगर वह आते हैं, तो मीडिया के सामने इस पर चर्चा करेंगे।