सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ उठाई थी कलम और आवाज
मनोज तिवारी ने रविवार को प्रेस से बातचीत में बताया कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस मांग की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि भिखारी ठाकुर न केवल एक अद्भुत कलाकार थे, बल्कि वे एक प्रबुद्ध समाज सुधारक भी थे। अपने नाटकों, लोकगीतों और कविताओं के माध्यम से उन्होंने बाल विवाह, दहेज प्रथा, स्त्री शोषण जैसी सामाजिक बुराइयों पर गहरा प्रहार किया।
प्रसिद्ध नाटक ‘बेटी बेचवा’ से समाज में मचाई थी हलचल
भिखारी ठाकुर का प्रसिद्ध नाटक ‘बेटी बेचवा’ उन कुप्रथाओं के खिलाफ एक सशक्त हथियार बन गया, जिसमें लड़कियों की जबरन शादी कर दी जाती थी। इस नाटक ने समाज में गहरी हलचल पैदा की और लोक जनमानस में जागरूकता लाई। आज भी उनके नाटकों और गीतों की प्रासंगिकता बनी हुई है।
पाठ्यक्रम में शामिल, शोध का विषय भी बने भिखारी ठाकुर
मनोज तिवारी ने कहा कि भिखारी ठाकुर की रचनाएं कई विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ाई जाती हैं और उन पर शोध भी हो रहे हैं। भारत सरकार पहले भी उन्हें कई सांस्कृतिक पुरस्कारों से सम्मानित कर चुकी है। ऐसे में अब समय आ गया है कि उन्हें भारत रत्न देकर उनकी विरासत को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी जाए।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को पाठ्यपुस्तक में शामिल करना सराहनीय कदम
मनोज तिवारी ने एनसीईआरटी द्वारा स्कूली पाठ्यपुस्तकों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को शामिल करने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह भारतीय सेना के पराक्रम और पड़ोसी देशों की आतंकवादी गतिविधियों की जानकारी बच्चों को देने के लिहाज से एक ऐतिहासिक निर्णय है।
संसद में पारदर्शिता की बात, विपक्ष पर हमला
तिवारी ने संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर होने वाली चर्चा का जिक्र करते हुए कहा कि विपक्ष इस बात से परेशान है कि सरकार इतनी पारदर्शिता से चर्चा के लिए तैयार कैसे हो गई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हर मुद्दे पर खुली चर्चा चाहती है और तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों की असलियत भी सामने लाई जाएगी।
तेजप्रताप पर भी किया कटाक्ष
तेजप्रताप यादव के चुनाव लड़ने के सवाल पर तिवारी ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है, लेकिन बिहार की जनता एनडीए के साथ है और राज्य की प्रगति उसी के हाथों में सुरक्षित है।