बालासाहेब के कमरे में मिले दोनों भाई
उद्धव ने अपनी पार्टी के सांसद संजय राउत के साथ मातोश्री के प्रवेश द्वार पर अपने चचेरे भाई का स्वागत किया। राज ने उद्धव को लाल गुलाबों का एक बड़ा गुलदस्ता भेंट किया। सूत्रों के मुताबिक, यह मुलाकात उद्धव और राज ठाकरे के बीच मातोश्री में लगभग सात वर्षों में पहली आमने-सामने की भेंट थी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच बालासाहेब ठाकरे के कमरे में बैठक हुई। हालांकि दोनों भाईयों की यह मुलाकात केवल राजनीतिक नजरिए से नहीं, बल्कि एक पारिवारिक मेल-जोल के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि समर्थकों के बीच इसे ठाकरे परिवार में सुलह के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
शिवसैनिकों में उत्साह
उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री को आज फूलों, पार्टी के झंडों और बैनरों से सजाया गया है। मातोश्री के बाहर ढोल-ताशों और मिठाइयों के साथ समर्थकों ने उनका जन्मदिन धूमधाम से मना रहे है। राज ठाकरे की इस ‘सप्राइज विजिट’ ने माहौल को और भी खास बना दिया है, और अब राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात के मायने तलाशे जा रहे हैं।
6 साल बाद मातोश्री में राज
बता दें कि राज ठाकरे इससे पहले ठाकरे परिवार के निवास स्थान मातोश्री छह साल पहले गए थे। तब वह अपने बेटे अमित ठाकरे की शादी का कार्ड देने के लिए मातोश्री गए थे। अमित ठाकरे की शादी 27 जनवरी 2019 को हुई थी। इस बीच, 5 जुलाई को मुंबई के वर्ली डोम में दोनों भाई मराठी अस्मिता के मुद्दे को लेकर एक मंच पर नजर आये था। तब से ही शिवसेना (उद्धव गुट) और मनसे के बीच गठबंधन की अटकलें लग रही हैं। जहां उद्धव ठाकरे गठबंधन को लेकर सकारात्मक हैं, वहीं मनसे की ओर से गठबंधन पर खुलकर कुछ नहीं कहा जा रहा है और सस्पेंस कायम है।
करीब बीस साल पहले शिवसेना से अलग होकर राज ठाकरे ने मनसे की स्थापना की थी। तब से दोनों दलों में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता बनी रही। लेकिन मौजूदा सियासी समीकरणों को देखकर ठाकरे भाई करीब आये। इसका प्रमुख कारण मुंबई महानगरपालिका चुनाव (BMC Election) बताया जा रहा है। दरअसल महाराष्ट्र के 29 नगर निगमों, 248 नगर परिषदों, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों के चुनाव इस वर्ष के अंत में या अगले वर्ष की शुरुआत में हो सकते है।
बता दें कि 2012 में मनसे ने बीएमसी चुनाव में दमदार प्रदर्शन किया था। तब राज ठाकरे की पार्टी ने 28 सीटें जीतकर अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे ने नेतृत्व वाली शिवसेना के कई गढ़ों में सेंध लगाई थी। लेकिन 2017 के मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव में पार्टी को बड़ा झटका लगा और मनसे के प्रत्याशी केवल सात सीटों पर ही जीत सके। उसके बाद से लगातार पार्टी का ग्राफ गिरता गया। वर्तमान में 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में मनसे का कोई विधायक नहीं है। दूसरी ओर पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में उद्धव सेना ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन उसके चंद महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में महज 20 सीटें जीत सकी।