रूसी मोर्चे पर मिल रहे युवा सैनिक
यरमक ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, यूक्रेन की सेना का सामना अब ऐसे सैनिकों से हो रहा है जो उम्र में काफ़ी छोटे हैं। इनमें से कई को नाबालिगों के रूप में रूस ले जाया गया था और फिर सालों तक कब्ज़े वाले इलाकों में इन्हें एक खास विचारधारा सिखाई गई और मिलिट्री ट्रेनिंग दी गई।
व्लाद रुडेंको भी इन मामलों में से एक
ऐसा ही एक मामला 19 साल के व्लाद रुडेंको नाम के लड़के से जुड़ा है, जिसने एक अखबार को अपनी आपबीती सुनाई थी। उन्होंने बताया कि उन्हें रोज़ रूसी राष्ट्रगान गाना पड़ता था और साथ ही कूदना, स्क्वाट करना, दौड़ना और रेंगने जैसे कठिन शारीरिक अभ्यास भी करने पड़ते थे। इसके साथ ही उन्हें हथियारों का प्रशिक्षण भी दिया जाता था। रुडेंको ने आगे कहा कि, किशोरों को उनकी उम्र के हिसाब से अलग-अलग स्तर का प्रशिक्षण दिया जाता था। इसमें 16 और 17 साल के बच्चों को नकली राइफलें दी जाती थीं, जबकि बड़े बच्चों को असली गोलियों वाले हथियार इस्तेमाल करने को मिलते थे।
2022 में हुआ था रुडेंको का अपहरण
अक्टूबर 2022 में, जब रूसी सेना ने खेरसॉन पर कब्ज़ा किया था, तब उन्होंने बंदूक की नोक पर रुडेंको को उठा लिया था। उस समय उसकी उम्र सिर्फ 16 साल थी। इसके बाद उसे क्रीमिया ले जाया गया, जहां उसने एक री-एजुकेशन (पुनर्शिक्षा) सुविधा में तीन साल बिताए। लेकिन आखिरकार वह अपनी मां की मदद से वहां से भाग निकला और युद्ध-क्षेत्र को पार करके वापस अपने घर पहुंच गया।
यूक्रेन की नई पीढ़ी को खत्म कर रहा रूस – यरमक
यरमक ने रूस की इन कार्रवाइयों की कड़ी निंदा की है और उन्होंने इसे मास्को की एक बड़ी योजना का हिस्सा बताया। उन्होंने इस तरह के काम को आतंकवादी शासन बताया। यरमक ने कहा कि, इस तरह की योजनाओं के दो मुख्य मकसद है, पहला रूस की घटती सेना को फिर से बढ़ाना और दूसरा यूक्रेनी सैनिकों को मानसिक रूप से तोड़ने के लिए उन्हें अपने ही लोगों के खिलाफ लड़ने पर मजबूर करना। यरमक ने रूस पर यूक्रेन की नई पीढ़ी को खत्म करने का आरोप लगाया है। उनके उनुसार, रूस ऐसे नए सैनिक तैयार कर रहा है जिन्हें अपनी ही जन्मभूमि के खिलाफ लड़ना होगा। यरमक ने इस स्थिति को भयानक बताया है।