उस लड़के के घर तक पहुंचे
सोशल साइट पर फर्जी एकाउंट बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए आईपी एड्रेस पर नज़र रखने से वे 17 वर्षीय उस लड़के के घर तक पहुंचे, जिसके खिलाफ अब नाबालिगों के भ्रष्टाचार के संदेह में जांच चल रही है।
यह यूरोप में पहला विधेयक होगा
गौरतलब है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि स्पेनिश अधिकारियों ने नाबालिगों के एआई-निर्मित अश्लील फोटोज का पता लगाया है। मैड्रिड का दावा है कि यह यूरोप में पहला विधेयक होगा, अभी तक संसद से विधेयक पारित नहीं किया गया है।
अमेरिका में है सख्त ‘टेक इट डाउन एक्ट’ कानून
अमेरिका में अब बिना सहमति के किसी की अश्लील तस्वीरें या डीपफेक कंटेंट शेयर करना एक गंभीर अपराध है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ‘टेक इट डाउन एक्ट’ नामक संघीय कानून बनाया है। यह कानून खास तौर पर रिवेंज पोर्न और AI से बनी फर्जी नग्न तस्वीरों को रोकने के लिए लाया गया है। इस कानून के तहत, अगर किसी व्यक्ति की शिकायत मिलती है कि उसकी बिना अनुमति वाली अश्लील तस्वीर या वीडियो ऑनलाइन डाली गई है, तो सोशल मीडिया कंपनियों को 48 घंटे के भीतर वह कंटेंट हटाना होता है। अगर कंपनियां इस निर्देश का पालन नहीं करती हैं, तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
भारत में क्या हैं ऐसे मामलों के लिए कानून ?
भारत में इस तरह के अपराध रोकने के लिए पहले से ही कुछ कानून मौजूद हैं, जिनमें प्रमुख हैं: धारा 66E: बिना अनुमति के किसी की निजी तस्वीर लेना या शेयर करना अपराध है। धारा 67: अश्लील सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से फैलाने पर रोक लगाती है। भारतीय दंड संहिता (IPC): धारा 354C: बिना इजाजत किसी महिला की तस्वीर लेना, देखना या शेयर करना ताकझांक (voyeurism) माना जाता है।
धारा 509: किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली हरकतों या पोस्ट्स पर सजा हो सकती है। धारा 500: किसी की मानहानि करने के लिए झूठी या आपत्तिजनक तस्वीर शेयर करने पर कार्रवाई संभव है।