मॉल में शॉपिंग करने आए लोग चीखते-चिल्लाते हुए इधर-उधर भागने लगे। पुलिस ने आते ही ट्रेफिक रोका और लोगाें को सुरक्षित दूर स्थान पर जाने का संकेत दिया। कुछ ही पलों में पुलिस अधिकारी, सिविल डिफेंस, अग्निशमन दस्ता, नगर परिषद के अधिकारी मॉड ड्रिल वाले स्थान पर पहुंच गए। मॉक ड्रिल के दौरान सुरक्षा टीम ने मॉल के बाहर एकत्रित लोगों को दूर किया। मॉल की ऊपरी मंजिल पर भी लोग बेहोश पड़े थे। टीम सीढ़ी लगाकर ऊपरी मंजिल के अंदर घुसी और घायलों को बाहर लेकर आई। सुरक्षा टीमें व सिविल डिफेंस की टीमों ने दूसरी व तीसरी मंजिल पर बेहोश लोगों को कंधे पर लादकर सीढ़ियां लगाकर खिड़कियों से के जरिए नीचे उतारा। मॉक ड्रिल में शाम 4 बजे बायोस्कॉप मॉल पर हवाई हमले की सूचना मिलने के तुरंत बाद एक्शन शुरू हुआ। सबसे पहले यातायात रोका गया। अग्निशमन दल ने आग पर काबू पाया, जबकि सिविल डिफेंस की टीम ने मॉल से घायलों को रेस्क्यू किया, जिसमें एक बच्चा भी शामिल था, जिसको मॉल की तीसरी मंजिल से रेस्क्यू किया गया। घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया।
मॉक ड्रिल में हर विभाग का आपसी तालमेल दिखा-
मॉक ड्रिल वाले स्थान पर पहुंचने के उपरांत कलक्टर मुकुल शर्मा और पुलिस अधीक्षक भवन भूषण यादव ने अस्पताल में पहुंचकर घायलों का हाल जाना और स्वास्थ्य विभाग को हरसंभव चिकित्सा सुविधाएं देने के निर्देश दिए। मॉक ड्रिल में एडीएम रतन कुमार, एडीएम सिटी भावना शर्मा, एडिशनल एसपी गजेंद्र सिंह जोधा, एसडीएम सीकर निखिल कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। मॉक ड्रिल प्रशासन की तैयारियों और विभागों के बीच तालमेल का शानदार नमूना रही। पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, सिविल डिफेंस, स्काउट गाइड और नगर परिषद की टीमें भी इस दौरान सक्रिय रहीं।
ब्लैकआउट पर जोर –
कलक्टर शर्मा ने बताया कि हवाई हमले की स्थिति में ब्लैकआउट बेहद जरूरी है। सायरन बजते ही लोगों को बिजली बंद कर सुरक्षित स्थान पर चले गए। बड़े मॉल व फ्लेट्स में भी आमजन ने बिजली बंद रखी। आमजन व राहगीरों ने वाहनों की लाइट बंद कर उन्हें सड़क किनारे खड़ा कर दिया। सीकर वासियों से ब्लैकआउट अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाई।