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शिक्षक बनने की चाह रखने वाले युवाओं को राहत, इंटिग्रेटेड पाठ्यक्रम नहीं होगा बंद

नए शिक्षा सत्र में होंगे चार वर्षीय बीए बीएड एवं बीएससी बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने जारी किया आदेश, विद्यार्थियों को राहत, डिग्री करने में बचता है एक साल

हनुमानगढ़May 08, 2025 / 10:54 am

adrish khan

Relief for youth who want to become teachers, integrated curriculum will not be discontinued

Relief for youth who want to become teachers, integrated curriculum will not be discontinued

हनुमानगढ़. इंटिग्रेटेड पाठ्यक्रम बीए बीएड एवं बीएससी बीएड की डिग्री लेने की चाह रखने वाले युवाओं के लिए खुशखबरी है। यह पाठ्यक्रम बंद नहीं किया जाएगा। एनसीटीई (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) ने इस संबंध में मंगलवार को आदेश जारी किया। यह निर्णय परिषद की 65वीं बैठक में लिया गया। इसमें नए शिक्षा सत्र 2025-26 में इंटिग्रेटेड पाठ्यक्रम में पूर्व की भांति प्रक्रिया अपनाकर युवाओं को प्रवेश देने की घोषणा की गई है। चार वर्षीय इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए पहले की तरह प्रवेश परीक्षा का आयोजन कर ऑनलाइन काउंसलिंग के जरिए नए सत्र में प्रवेश दिए जाएंगे। इससे बीए बीएड एवं बीएससी बीएड की डिग्री करने की चाह रखने वाले युवाओं में खुशी की लहर है। राजस्थान प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष तरूण विजय ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के निर्णय पर प्रसन्नता जताते हुए बताया कि युवाओं के हित में यह सकारात्मक फैसला बहुत आवश्यक था। इससे युवाओं को बहुत लाभ होगा। क्योंकि इंटिग्रेटेड पाठ्यक्रम के जरिए बीए बीएड एवं बीएससी बीएड की डिग्री लेने से युवाओं का एक साल का समय बचता है। अगर कोई बीए या बीएएससी आदि की स्नातक की डिग्री कर बीएड वगैरह करे तो पांच साल लग जाते हैं। जबकि इंटिग्रेटेड पाठ्यक्रम से यह योग्यता चार साल में ही हासिल की जा सकती है। इससे युवाओं का एक साल का समय व पैसा बचता है। इससे विद्यार्थियों को बहुत लाभ होगा।

शिक्षक संघ की कार्यकारिणी गठित, सार्वजनिक शिक्षा को बचाने पर जोर

हनुमानगढ़. राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत का जिला अधिवेशन जंक्शन के सेक्टर 12 स्थित पीएमश्री राउमावि में हुआ। इसमें पर्यवेक्षक मनीष जग्गा की मौजूदगी में संगठन की कार्यकारिणी का गठन किया गया। साथ ही संगठन के उद्देश्यों और गतिविधियों के बारे में बताया गया। पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए मारे गए नागरिकों को श्रद्धांजलि दी गई। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने, इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने एवं घटना के बाद उपजे माहौल में देश के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पुख्ता करने की मांग सरकार से की गई।
जिला मंत्री रामनिवास ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए सार्वजनिक शिक्षा को बचाने व शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए संगठन की एकजुटता पर बल दिया। प्रांतीय सह पर्यवेक्षक गुरमीतसिंह गिल ने संगठन के ध्येय वाक्य लोकतंत्र, समाजवाद व धर्मनिरपेक्षता को आत्मसात करने की अपील की। चुनाव अधिकारी चंद्रभान ज्याणी के निर्देशन में कार्यकारिणी का गठन कर सभाध्यक्ष सतीश चौपड़ा, उप सभाध्यक्ष ओमप्रकाश थोरी, अध्यक्ष जगनंदन सिंह, उपाध्यक्ष भीम सिंह व दारा सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल कुमार मालविया तथा जिला मंत्री राम निवास को बनाया गया। इसके अलावा कोषाध्यक्ष अजय बिश्नोई, संगठन मंत्री सोहन सिंह, कार्यालय मंत्री जाकिर हुसैन, प्रचार मंत्री अमरसिंह राव, संयुक्त मंत्री भरत कुमार तथा जिला प्रतिनिधि पूनमचंद सहारण, राजविंदर सिंह, चंद्रशेखर बिश्नोई, राजकुमार, सुरेश शर्मा, संजय चौधरी, कपिल व श्रीकृष्ण, संरक्षक मनोहरलाल बंसल, साहबराम भादू, हंसराज भादू एवं कुलविंद्र सिंह को बनाया गया। जिलाध्यक्ष जगनंदन सिंह ने 20 मई की आम हड़ताल तथा 21 मई से संगठन के आंदोलन को सफल बनाने की बात कही। इस दौरान शारीरिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह ने भी संबोधित किया।

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