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नृसिंह चतुर्दशी पर बंशीवाला में होगी रम्मत, उमड़ेंगे श्रद्धालु

नागौर. नृसिंह चतुर्दशी का पर्व रविवार को श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस पर्व को भगवान विष्णु के नृसिंह के अवतार के रूप में मनाया जाता है।

नागौरMay 10, 2025 / 12:06 am

Ravindra Mishra

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नागौर.नृसिंह जयंती पर रम्मत के लिए मुखौटा तैयार करते सोनी।

– परम्परागत स्वरूप बनकर तैयार

– मलूका दिभर मचाएंगे धमा चौकड़ी

नागौर. नृसिंह चतुर्दशी का पर्व रविवार को श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस पर्व को भगवान विष्णु के नृसिंह के अवतार के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार नृसिंह जयंती अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। भगवान विष्णु ने भक्त प्रह्लाद को राक्षस हिरण्यकश्यप से बचाने के लिए नरसिंह अवतार लिया था। इस विशेष तिथि पर भगवान नृसिंह की पूजा की जाती है।
बंशीवाला में होगी नृसिंह रम्मत

नृसिंह जंयती पर नागौर के बंशीवाला मंदिर में परंपरागत रूप से रम्मत का आयोजन होगा। भगवान नृसिंह का अभिषेक व महाआरती की जाएगी। शहरवासी बताते हैं कि बंशीवाला में रम्मत की परम्परा उतनी ही पुरानी है, जितना यह मंदिर है। नृसिंह रम्मत देखने के लिए शहर एवं आसपास के गांवों से आते हैं। रम्मत के दौरान यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। नागौर का व्यक्ति कहीं पर भी रहे, नृसिंह भगवान की रम्मत देखने जरूर पहुंचता है।
राजा साहब करते हैं रम्मत करने वाले का चयन

नृसिंह भगवान की रम्मत के दौरान मलूकाओं को देखने के लिए बंशीवाला में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। नृसिंह जयंती पर रम्मत की परंपरा को जीवंत रखने में नागौर के पुष्करणा समाज का अहम योगदान है। आज भी रम्मत के लिए व्यक्ति का चयन पुष्करणा समाज के व्यास राजा साहब ही करते हैं। बताते हैं कि अमरसिंह राठौड़ के प्रधान सेनापति गिरधर व्यास थे। इनको अमरसिंह राठौड़ ने ही राजा साहब की पदवी से नवाजा था, तभी से इनका परिवार इस पदवी के साथ राजा साहब का प्रतिनिधित्व कर रहा है।
पहले ऐसे बनता है मुखौटा

कलाकार सत्यनाराण सोनी अपनी कला से भगवान नृसिंह का मुखौटा तैयार करते हैं। वे कागज को परत दर परत चिपका कर स्वरूप का निर्माण करते हैं। उसके बाद कुछ केमिकल का इस्तेमाल कर मजबूती प्रदान करते हैं, ताकि सीलन बारिश या नमी में स्वरूप को किसी प्रकार का कोई नुकसान ना हो। इसके बाद उसमें रंग भरते हैं। इसके निर्माण के दौरान निर्धारित धार्मिक नियमों का पूरा ध्यान रखते हैं।
इस तरह करें पूजा

नृसिंह जयंती पर प्रात: स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु या नृसिंह की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं और फूल, अक्षत, पंचामृत, चंदन, तुलसी पत्र अर्पित करें। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और ‘ॐ नृसिंहाय नमः’ मंत्र का जाप 108 बार करें।

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