गर्म : लाल, पीच, नारंगी
-ये हॉकिश माने गए, यानी गवर्नर ने जब ऐसे रंग की टाई पहनी तो ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना ज्यादा थी।
ठंडा : नीला, एक्वा
-ये तटस्थ स्थिति को दर्शाते हैं। यानी ऐसी टाई से रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं होने की संभावना।
गहरा : काला, नेवी
-निर्णायक फैसलों का संकेत। जैसे हाल ही आरबीआइ गवर्नर ने 50 आधार अंकों की कटौती का कदम उठाया गया।
मिश्रित : बैंगनी, पीला
-ये रंग सबसे कम पूर्वानुमान के योग्य माना गया है। यानी इन रंगों के परिणामों में भिन्नता पाई गई।
एसबीआइ की रिसर्च टीम ने टाई वोलेटिलिटी और टिल्ट इंडेक्स यानी टाई अस्थिरता और झुकाव सूचकांक भी पेश किया। यह निरंतरता और आर्थिक फैसलों को लेकर झुकाव को इंगित करता है। उच्च स्कोर से पता चलता है कि रंग विश्वसनीय संकेत भेजता है। मसलन, लाल और कोरल टाई हॉकिश की ओर झुकी हुई थी, जबकि हल्के नीले रंग में लगातार कोई बदलाव नहीं हुआ।