सभी पर धारा 318 (4), 61 (2), 338, 336 (3), 340 बीएनएस 2023 व धारा 7 (सी), भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 में मुकदमा दर्ज किया है। जांच के दौरान उप पुलिस अधीक्षक पवन सिंघल ने 13.33 करोड़ से अधिक राशि की स्टाम्प ड्यूटी चोरी करना पाया।
ये है घोटाले की पूरी कहानी
मामला का है। यहां बायपास के मेन रोड स्थित कमर्शियल प्लॉटों का है। डीएलएफ गार्डन सिटी इंदौर प्राइवेट लिमिटेड ने सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में सी-1 से लेकर सी-9 तक के प्लॉट बेचे। 7 प्लॉट बिल्डर विवेक चुघ ने खरीदे। इसकी रजिस्ट्री अलग-अलग तारीख में ढक्कन वाला कुआं ऑफिस में हुई। एक प्लॉट आर्किटेक्ट अनिल जैन और दूसरा हितेंद्र मेहता के नाम रजिस्टर्ड हुआ। कॉलोनी के कमर्शियल प्लॉट की दर 25,400 रुपए प्रति वर्ग मीटर और नेशनल हाईवे पर होने से 100% वृद्धि कर 50,800 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से रजिस्ट्री होनी थी। लेकिन ऐसा नहीं किया। सभी रजिस्ट्री मांगलिया सड़क गांव एनएच-3 की गाइडलाइन 14,200 रुपए के हिसाब से कर दी। इससे सरकार को 13.33 करोड़ से अधिक के राजस्व का नुकसान हुआ।