किन देशों पर कितना टैक्स?
ट्रंप प्रशासन ने जिन 14 देशों पर टैरिफ लगाने का फैसला किया है, उनमें म्यांमार और लाओस पर सबसे ज्यादा 40% शुल्क लगाया गया है। इसके अलावा कंबोडिया और थाईलैंड पर 36%, बांग्लादेश और सर्बिया पर 35%, इंडोनेशिया पर 32%, दक्षिण अफ्रीका और बोस्निया पर 30%, जबकि जापान, कजाखस्तान, मलेशिया, दक्षिण कोरिया और ट्यूनिशिया पर 25% का टैरिफ लगाया जाएगा।
जापान और साउथ कोरिया पर पहले क्यों लगाया टैरिफ?
व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलाइन लेविट से जब पूछा गया कि जापान और दक्षिण कोरिया जैसे अमेरिका के महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ पहले क्यों लागू किया गया, तो उन्होंने कहा, “यह राष्ट्रपति का विशेषाधिकार है। उन्होंने वही देश चुने जिन्हें वह उचित मानते हैं।” कैरोलाइन ने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रंप प्रशासन अन्य साझेदार देशों के साथ भी व्यापार समझौतों को अंतिम रूप देने के करीब है और यह कदम अमेरिका के हित में उठाया गया है।
चेतावनी भी दी, ‘बदले में टैक्स बढ़ाओगे तो हम दोगुना करेंगे’
ट्रंप ने अपने बयान में स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर ये देश बदले की कार्रवाई में अमेरिका पर टैरिफ बढ़ाते हैं, तो अमेरिका भी उतना ही और टैक्स जोड़ देगा। ट्रंप ने लिखा, “अगर आपने किसी भी कारण से अपने टैरिफ बढ़ाए, तो आपने जितना प्रतिशत बढ़ाया होगा, हम उस पर उतना ही अतिरिक्त टैक्स और जोड़ देंगे।” ट्रंप के इस रुख से साफ है कि अमेरिका किसी भी तरह की जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार है।
क्यों जरूरी है नए टैरिफ?
ट्रंप ने कहा कि ये नए टैरिफ न केवल अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने बल्कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को भी सुनिश्चित करने के लिए जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि वर्षों से अमेरिका पर भारी व्यापार घाटा थोपा गया है, जिसे सुधारना जरूरी है। उन्होंने साफ किया कि टैरिफ और गैर-टैरिफ अड़चनें दोनों अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह रही हैं और अब समय आ गया है कि इन्हें खत्म कर अमेरिकी हितों को प्राथमिकता दी जाए।
वैश्विक बाजार पर असर तय
ट्रंप के इस फैसले के बाद ग्लोबल ट्रेड मार्केट में हलचल मच गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन टैरिफ से अमेरिका में इन देशों से आयात होने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, वाहन, स्टील और कंज्यूमर गुड्स की कीमतें बढ़ सकती हैं। साथ ही, एशियाई और अफ्रीकी देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर भी दबाव बढ़ेगा, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध जैसी स्थिति बन सकती है।
आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है सख्ती
व्हाइट हाउस सूत्रों का कहना है कि आने वाले महीनों में ट्रंप प्रशासन अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने के लिए और देशों पर भी इसी तरह के टैरिफ लगाने पर विचार कर सकता है। वहीं अमेरिकी उद्योगों और किसानों को राहत देने के लिए नए सब्सिडी पैकेज की तैयारी भी चल रही है।