ईडी को जांच के दौरान इस मामले में पुख्ता सबूत मिले हैं, जिसके बाद उनकी अचल संपत्तियों को सीज करने की कार्रवाई की गई है। बता दें कि धोखाधड़ी को लेकर अल्केमिस्ट ग्रुप के खिलाफ दो राज्यों की पुलिस ने शिकायत दर्ज की थी। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की पुलिस ने शुरू में एफआईआर दर्ज की थी। अब इस केस को ईडी ने संभाल लिया है।
क्या है आरोप?
अल्केमिस्ट ग्रुप पर आरोप है कि उन्होंने निवेशकों से विला, प्लॉट, फ्लैट और हाई रिटर्न के नाम पर पैसे वसूले। इसके बाद, उनके साथ धोखाधड़ी की। इस ग्रुप ने निवेशकों को झांसे में लेने के लिए कई तरह के लुभावन इन्वेस्टमेंट प्लान चलाए। इसके बाद उनके साथ धोखा किया। हाई रिटर्न के नाम पर फंसकर लोगों ने अल्केमिस्ट ग्रुप के प्रोजेफ्ट में करोड़ों इन्वेस्ट किया। निवेशकों से अल्केमिस्ट होल्डिंग्स लिमिटेड और अल्केमिस्ट टाउनशिप इंडिया लिमिटेड ने अवैध रूप से लगभग 1,848 करोड़ रुपये वसूले। बाद में इस पैसों का अवैध तरीके से इस्तेमाल भी किया।
पैसों को कहां-कहां घुमाया?
जांच में कई तरह के राज खुले। यह पता चला कि निवेशकों के पैसे अल्केमिस्ट ग्रुप की दूसरी संस्थाओं से जुड़े व्यापार में लगाए गए। इन पैसों को ब्लैक से व्हाइट बनाने के लिए घुमाया जा रहा था। इन पैसों से ही अल्केमिस्ट अस्पताल और ओजस अस्पताल बनाया गया। अल्केमिस्ट ग्रुप ने हाई रिटर्न के नाम पर निवेशकों से जो पैसे वसूले थे, उन्हें कभी भी वापस नहीं किया गया। पैसों को अलकेमिस्ट ग्रुप की विभिन्न कंपनियों में डालकर घुमाया गया। सोरस एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड में इन पैसों से 37।24 परसेंट शेयर खरीदे गए। यह कंपनी भी करण दीप सिंह की है।
कैसे फंसे कंवर दीप सिंह?
ईडी ने साल 2016 में पूर्व सांसद कंवर दीप सिंह की कंपनी ‘अलकेमिस्ट इंफ्रा रियल्टी लिमिटेड’ के खिलाफ जांच शुरू की थी। सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की शिकायत पर मामले में संज्ञान लिया था। जांच में कई तरह की गड़बड़ियां पाईं गईं। इसके बाद ईडी ने कंपनी के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया। ईडी ने जनवरी 2021 में कंवर दीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। आरोप लगा कि वह अवैध रूप से निवेश योजना चला रहे हैं। इस स्कीम के जरिए साल 2015 से पहले ही लोगों को झांसा देकर करोड़ों रुपये वसूले गए थे।
कई राज्यों में लोग हुए फर्जीवाड़े का शिकार
देश के कई राज्यों में लोग अलकेमिस्ट ग्रुप के फर्जीवाड़े का शिकार हुए। हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से कई मामले सामने आये। जांच में यह भी जानकारी सामने आई थी कि हरियाणा के पंचकूला में पार्श्वनाथ रॉयल प्रोजेक्ट में भी अलकेमिस्ट रियल्टी लिमिटेड का शेयर है। इसमें करीब 18 फ्लैट अल्केमिस्ट ग्रुप के हैं। इसके अलावा, सिरमौर के क्योंथल में लगभग 250 से अधिक बीघे जमीन भी इसी ग्रुप से जुड़े हैं। ईडी ने इन संपत्तियों को सीज कर लिया है।