रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा
प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा के दौरान मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू, उपराष्ट्रपति उज हुसैन मोहम्मद लतीफ और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद से मुलाकात की। इन बैठकों में बुनियादी ढांचा, तकनीक, ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन जैसे अहम मुद्दों पर सहयोग की संभावनाएं तलाशने पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, हमारे देश बुनियादी ढांचे, तकनीक, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं। यह हमारे लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। उन्होंने मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ पर शुभकामनाएं भी दीं।
द्विपक्षीय समझौतों पर सहमति
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान भारत और मालदीव के बीच चार समझौता ज्ञापनों (MoUs) और तीन रणनीतिक साझेदारियों पर हस्ताक्षर किए गए। साथ ही दोनों देशों ने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत की शुरुआत करने की घोषणा भी की। मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने इस अवसर पर कहा, प्रधानमंत्री मोदी का यहां स्वागत कर मुझे अत्यंत प्रसन्नता है। हमारे बीच सार्थक चर्चा हुई और कई अहम दस्तावेजों पर हस्ताक्षर हुए।
भारत का भरोसेमंद सहयोगी बना मालदीव
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने जानकारी दी कि उपराष्ट्रपति लतीफ ने भारत द्वारा संकट के समय दी गई सहायता का विशेष तौर पर धन्यवाद किया। मालदीव के उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि भारत के साथ औपचारिक राजनयिक संबंधों के 60 साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी से मिलना गर्व की बात है और यह साझेदारी भविष्य में और मजबूत होगी।
तिलमिला जाएगा चीन
गौरतलब है कि राष्ट्रपति मुइज्जू अपने चुनावी अभियान में इंडिया आउट के नारे के साथ सामने आए थे। उन्होंने चीन के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर भी किए। बावजूद इसके प्रधानमंत्री मोदी को स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया जाना चीन को एक कड़ा कूटनीतिक संदेश है कि मालदीव पूरी तरह बीजिंग की ओर नहीं झुक रहा है।