इस बीच, विपक्ष ने यह भी पूछा था कि क्या भारत-पाक युद्ध को रोकने में मुख्य भूमिका अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रही थी? अगर उनकी भूमिका नहीं थी, तो वे बार-बार एक ही बात क्यों दोहरा रहे हैं।
ट्रंप की यदि इस मामले में कोई भूमिका नहीं है तो पीएम मोदी सदन खुलकर यह बात कह दें कि ट्रंप की वजह से भारत-पाक के बीच युद्ध विराम नहीं हुआ था।
जयशंकर ने दिया जवाब
इस मसले पर राज्यसभा में अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि मैं उनको कहना चाहता हूं, वो कान खोलके सुन ले। 22 अप्रैल से 16 जून तक, एक भी फोन कॉल राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच में नहीं हुआ। सदन में जयशंकर ने कहा कि जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, तो कई देश यह जानने के लिए हमसे संपर्क में थे कि स्थिति कितनी गंभीर है और यह कब तक चलेगी। हमने सभी देशों को एक ही संदेश दिया कि हम किसी भी मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं हैं। हमारे और पाकिस्तान के बीच कोई भी समझौता केवल द्विपक्षीय होगा और हम पाकिस्तानी हमले का जवाब दे रहे हैं और देते रहेंगे।
जयशंकर ने कांग्रेस को घेरा
जयशंकर ने कहा कि अगर यह लड़ाई रुकनी है, तो पाकिस्तान को अनुरोध करना होगा। और यह अनुरोध केवल डीजीएमओ के माध्यम से ही हो सकता है। इसके अलावा जयशंकर ने राज्यसभा में सिंधु जल संधि को लेकर भी कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि कई मायनों में एक अनोखा समझौता है। मैं दुनिया में ऐसे किसी भी समझौते के बारे में नहीं सोच सकता, जहां किसी देश ने अपनी प्रमुख नदियों को उस नदी पर अधिकार के बिना दूसरे देश में बहने दिया हो।
कल, मैंने सुना कि कुछ लोग इतिहास से असहज हैं। वे चाहते हैं कि ऐतिहासिक बातें भुला दी जाएं। शायद यह उन्हें शोभा नहीं देता, वे बस कुछ बातों को याद रखना पसंद करते हैं।
नेहरू का भी जयशंकर ने किया जिक्र
इसके अलावा, विदेश मंत्री ने संधि के संबंध में 1960 में संसद में दिए गए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। जयशंकर ने कहा कि 30 नवंबर 1960 को, उन्होंने (जवाहरलाल नेहरू) कहा कि मैं जानना चाहता हूं कि क्या इस सदन को पानी की आपूर्ति की मात्रा या दिए जाने वाले धन का आकलन करना है। लोगों ने इस पर आपत्ति जताई।
नेहरू जी ने तब कहा था कि मुझे यह संधि पाकिस्तानी पंजाब के हित में करने दीजिए, तब उन्होंने कश्मीर या पंजाब के किसानों के बारे में कुछ नहीं सोचा। राजस्थान या गुजरात के बारे में भी एक शब्द नहीं बोला। जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिंधु जल संधि और अनुच्छेद 370 से निपटने के मामले में जवाहरलाल नेहरू की गलतियों को सुधार दिया है।