scriptकारगिल विजय दिवस: 527 शहीदों की शहादत…60 दिनों की संघर्ष गाथा, जानें कैसे फतह किया टाइगर हिल | Kargil Vijay Diwas 2025: Martyrdom of 527 martyrs and India historic victory | Patrika News
राष्ट्रीय

कारगिल विजय दिवस: 527 शहीदों की शहादत…60 दिनों की संघर्ष गाथा, जानें कैसे फतह किया टाइगर हिल

Kargil Vijay Diwas 2025: हर साल 26 जुलाई को भारत में कारगिल विजय दिवस उन सैनिकों के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्होंने कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी थी। यह युद्ध मई से जुलाई 1999 तक चला था।

भारतJul 25, 2025 / 10:48 pm

Shaitan Prajapat

कारगिल विजय दिवस: बर्फीली चोटियों पर बहादुरी और बलिदान की अमर गाथा

Kargil Vijay Diwas 2025: 26 जुलाई को भारत पूरे सम्मान के साथ कारगिल विजय दिवस मनाता है, जो 1999 में पाकिस्तानी घुसपैठ के खिलाफ भारतीय सेना की ऐतिहासिक विजय का प्रतीक है। यह युद्ध मई से जुलाई 1999 तक चला, जब पाकिस्तान ने ‘ऑपरेशन बद्र’ के तहत कश्मीर के कारगिल सेक्टर में गुप्त रूप से सैनिक और आतंकवादी भेजे, ताकि भारत के रणनीतिक क्षेत्रों पर कब्जा किया जा सके। इस घुसपैठ की जानकारी मई के पहले सप्ताह में भारतीय सेना को मिली और इसके बाद शुरू हुआ भारत का साहसिक प्रतिकार।

प्रतिकूल परिस्थितियों में वीरता की परीक्षा

कारगिल की बर्फीली चोटियों पर लड़ाई आसान नहीं थी। दुश्मन ने ऊंचाई वाली पहाड़ियों पर कब्जा जमाया था, जहां तापमान माइनस डिग्री में था। ऑक्सीजन की कमी, बर्फीला मौसम और कठिन चढ़ाई के बावजूद भारतीय सेना ने साहस और अनुशासन का परिचय देते हुए युद्धभूमि में कदम रखा।

शहीदों की शौर्यगाथा: विक्रम बत्रा से मनोज पांडे तक

इस युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा (ये दिल मांगे मोर), कैप्टन मनोज पांडे, लेफ्टिनेंट बलवान सिंह, कैप्टन अमोल कालिया, ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव और नायक दिगेंद्र कुमार जैसे योद्धाओं ने अतुलनीय वीरता दिखाई। कैप्टन सौरभ कालिया और उनके साथियों को पाकिस्तानी सेना ने पकड़कर बेरहमी से प्रताड़ित कर शहीद कर दिया, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।

ऑपरेशन विजय: कारगिल की चोटियों पर तिरंगा

भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन विजय’ नाम दिया। मई के मध्य में कश्मीर घाटी से सैनिकों को कारगिल में तैनात किया गया। मई के अंत में भारतीय वायुसेना भी युद्ध में शामिल हुई और ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ के तहत बंकरों को निशाना बनाया। 13 जून को तोलोलिंग की चोटी पर कब्जा, फिर 4 जुलाई को 11 घंटे लंबी लड़ाई के बाद टाइगर हिल पर तिरंगा फहराना, कारगिल विजय के निर्णायक मोड़ थे।

‘थ्री पिंपल्स’ और प्वाइंट 4875 की निर्णायक जीत

20 जून को लेफ्टिनेंट कर्नल योगेश जोशी के नेतृत्व में भारतीय सेना ने एक महत्वपूर्ण बिंदु पर कब्जा किया। इसके बाद ‘थ्री पिंपल्स’ एरिया, जिसमें नॉल, ब्लैक रॉक हिल और थ्री पिंपल्स शामिल थे, को दो दिनों की लड़ाई के बाद 29 जून को फतह किया गया।
4 से 7 जुलाई तक चली लड़ाई में भारतीय सेना ने प्वाइंट 4875 पर कब्जा किया। इस बिंदु पर जीत ने पाकिस्तान की रणनीति को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। इसके बाद भारत ने प्वाइंट 4700 पर भी कब्जा जमाया, जिससे पाकिस्तान का मनोबल टूट गया।

पाकिस्तान की हार और भारत की विजय

25 जुलाई को पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा और 26 जुलाई 1999 को आधिकारिक रूप से युद्ध समाप्त हुआ। यह दिन भारत की सैन्य दृढ़ता और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन गया।

ऑपरेशन सफेद सागर: भारतीय वायुसेना की भूमिका

भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सफेद सागर के तहत दुश्मन के बंकरों और सप्लाई लाइन को नष्ट किया। मिराज-2000 विमानों ने दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमले कर उनके मनोबल को कमजोर किया।

कारगिल की कीमत: 527 वीर शहीद और 1363 घायल

इस युद्ध में भारत ने अपने 527 वीर सपूतों को खो दिया, जबकि 1363 जवान घायल हुए। इनकी वीरता और बलिदान ने देश की रक्षा के लिए एक नया मापदंड स्थापित किया।

कारगिल विजय दिवस: वीरों को सलाम

आज, कारगिल विजय दिवस पर देश उन शहीदों और वीर सैनिकों को नमन करता है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर भारत की संप्रभुता की रक्षा की। पूरे देश में विजय दिवस समारोह आयोजित कर इन शूरवीरों को श्रद्धांजलि दी जाती है। टोलोलिंग, टाइगर हिल और प्वाइंट 4875 पर फहराया गया तिरंगा आज भी भारतीय सेना की वीरता और साहस का प्रतीक है।

Hindi News / National News / कारगिल विजय दिवस: 527 शहीदों की शहादत…60 दिनों की संघर्ष गाथा, जानें कैसे फतह किया टाइगर हिल

ट्रेंडिंग वीडियो