Bijapur joint operation: दंपती ने आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में सरेंडर किया
सुरक्षा एजेंसियों को क्षेत्र में
नक्सली मूवमेंट की पुख्ता सूचना मिली थी, जिसके आधार पर 26 जुलाई की शाम से ही सघन सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। इसी दौरान जंगलों में छिपे नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में जवानों ने भी मोर्चा संभाला। रुक-रुककर देर शाम तक चली मुठभेड़ के बाद क्षेत्र में तलाशी तेज कर दी गई। नक्सली दस्तावेज भी मिले हैं, जिससे संगठन की गतिविधियों से जुड़ी अहम जानकारी मिलने की संभावना है।
बीजापुर के एसपी जितेंद्र यादव ने कहा, ऑपरेशन अभी भी जारी है, और जवान इलाके में गहन सर्चिंग कर रहे हैं। मुठभेड़ स्थल की सटीक जानकारी, ऑपरेशन में लगे बलों की संख्या जैसे संवेदनशील तथ्यों को फिलहाल साझा नहीं किया जा सकता, ताकि ऑपरेशन में शामिल जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
जगदलपुर/बस्तर में सक्रिय रहे सीनियर नक्सल लीडर दंपती ने आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में सरेंडर किया है। वे 34 वर्ष से ज्यादा वक्त से नक्सल संगठन में सक्रिय थे। आंध्र प्रदेश के डीजीपी हरीश कुमार गुप्ता ने बताया कि सरेंडर करने वाले कमलेश वर्तमान में पूर्वी बस्तर संभागीय समिति के प्रभारी के रूप में कार्यरत है तथा दंडकारण्य विशेष जोनल समिति में एसजेडसीएम के पद पर है। संगठन की विफलताओं और केंद्रीय समिति की नीतियों से निराश होकर उन्होंने सरेंडर किया है।
सभी सरेंडर कर मुख्यधारा में लौटें
Bijapur joint operation: कमलेश पर आंध्र प्रदेश में 20 लाख रुपए और पत्नी अरुणा पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित है। आंध्र पुलिस ने दोनों को 5 लाख रुपए का चेक सरेंडर के दौरान प्रदान किया।
ऑपरेशन टीमों ने अल्लूरी सीतारामाराजू जिले में हथियारों का जखीरा जब्त किया है। इनमें कुल 18 हथियार शामिल हैं।
1 एके-47, 2 बीजीएल, 5 एसएलआर, 2 इंसास राइफल, 606 जिंदा राउंड, 37 किलोग्राम कार्डेक्स तार और अन्य उपकरण मिले हैं। आंध्र के डीजीपी ने कहा कि अगर देशभर में सक्रिय नक्सली मुख्यधारा में आते हैं तो हम रोजगार के अवसर प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में संगठन में विभिन्न राज्यों में 20 आंध्र प्रदेश के स्थानीय लोग काम कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि सभी सरेंडर कर मुख्यधारा में लौटें।