उत्तर-पश्चिम भारत में भारी बारिश का कहर
पूर्वी राजस्थान में 27 और 28 जुलाई को कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना है। वहीं 29 से 31 जुलाई तक बहुत भारी वर्षा हो सकती है। पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में 29 से 31 जुलाई के बीच एक ताज़ा भारी बारिश का दौर शुरू होने की संभावना है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी छिटपुट भारी से बहुत भारी बारिश के आसार हैं। हरियाणा और चंडीगढ़ में 28 और 29 जुलाई को भारी बारिश की संभावना है, वहीं पश्चिमी राजस्थान में 27 से 31 जुलाई तक रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी।
पश्चिम भारत: गुजरात और महाराष्ट्र पर विशेष नजर
गुजरात क्षेत्र में 27 जुलाई को कुछ जगहों पर अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी है। इसके अलावा कोकण, गोवा और घाट क्षेत्र में 27 से 30 जुलाई तक भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है। सौराष्ट्र और कच्छ में भी 27 जुलाई को भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
पूर्वोत्तर भारत में नया बारिश का चक्र
01 से 03 अगस्त के बीच पूर्वोत्तर भारत में भारी वर्षा का नया दौर शुरू होगा। नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 01 और 02 अगस्त को अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में 27 जुलाई से 2 अगस्त तक लगातार बारिश होती रहेगी।
पूर्व और मध्य भारत में भी असर
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ, बिहार, झारखंड और ओडिशा में 27 से 31 जुलाई के बीच छिटपुट भारी बारिश की चेतावनी है। खासकर पश्चिम मध्य प्रदेश में 27 से 29 जुलाई तक और पूर्वी मध्य प्रदेश में 28-29 जुलाई को बहुत भारी वर्षा हो सकती है।
दक्षिण भारत में भी बारिश का सिलसिला
केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में 27 से 31 जुलाई तक लगातार बारिश जारी रहेगी। तटीय कर्नाटक में 27 से 29 जुलाई तक बहुत भारी वर्षा की चेतावनी है। इसके साथ ही दक्षिण भारत के कई हिस्सों में 40-50 किमी/घंटा की तेज हवाएं चल सकती हैं।
जमशेदपुर में बाढ़ जैसे हालात, नदियों का जलस्तर बढ़ा
झारखंड के जमशेदपुर में बीते दो दिनों से भारी बारिश और डैमों से छोड़े गए पानी के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सुवर्णरेखा और खरकई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया है। कदमा, बागबेड़ा, जुगसलाई, सोनारी, मानगो और बिष्टुपुर समेत कई रिहायशी क्षेत्र पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। ग्रीन पार्क, गणेश वाटिका, आस्था विजय फ्लैट, शास्त्री नगर, गरीब नवाज कॉलोनी और रिवर व्यू कॉलोनी जैसे इलाकों में लोगों को कमर तक पानी का सामना करना पड़ा।
एनडीआरएफ तैनात
एनडीआरएफ, जिला प्रशासन और टाटा स्टील की टीमों ने मिलकर शनिवार रात तक बचाव कार्य चलाया। गोताखोरों की मदद से कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। मानगो की पुरुलिया रोड और कपाली लिंक रोड पर करीब दो फीट तक पानी बहने लगा, जिससे कई सड़कें बंद करनी पड़ीं। दुकानें, गोदाम और घरों में पानी घुस गया।
चांडिल, डिमना डैम और गालूडीह बराज से छोड़ा गया पानी
डिप्टी कमिश्नर कर्ण सत्यार्थी खुद हालात की निगरानी में जुटे रहे। राहत कार्यों के तहत लोगों को रेस्क्यू बोट से ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया गया और अस्थायी राहत शिविर भी बनाए गए हैं। बाढ़ की बड़ी वजह लगातार बारिश के साथ चांडिल, डिमना डैम और गालूडीह बराज से छोड़ा गया पानी है। चांडिल डैम से करीब 762.39 क्यूमेक्स, डिमना डैम से और गालूडीह बराज से 8218.76 क्यूमेक्स पानी छोड़े जाने के कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा।