क्या है 30 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति का मामला?
दरअसल, कारोबारी संजय कपूर की मृत्यु के बाद उनकी 30 हजार करोड़ की संपत्ति को लेकर पारिवारिक युद्ध छिड़ चुका है। एक तरफ मां रानी कपूर हैं, जो खुद को अपने बेटे की विरासत से दूर किए जाने का आरोप लगा रही हैं। जबकि दूसरी तरफ संजय कपूर की पत्नी प्रिया कपूर हैं, जो कानूनी प्रक्रिया और सेबी के नियमों का हवाला दे रही हैं। मामला अब सिर्फ पारिवारिक नहीं रह गया है, यह कॉर्पोरेट गवर्नेंस और कानूनी पारदर्शिता का भी परीक्षण बन गया है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद किस मोड़ पर जाकर सुलझता है।
संजय कपूर की मौत और उसके बाद की हलचल
12 जून 2025 को इंग्लैंड में पोलो खेलते समय अचानक संजय कपूर का निधन हो गया। उनकी असामयिक मौत ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। लेकिन इस दुखद घटना के कुछ ही दिनों बाद सोना कॉमस्टार कंपनी में हिस्सेदारी और वित्तीय अधिकारों को लेकर विवाद खुलकर सामने आ गया। संजय कपूर की मां रानी कपूर ने आरोप लगाया है कि उनकी भावनात्मक स्थिति का लाभ उठाकर कंपनी प्रबंधन और उनकी बहू प्रिया ने उन्हें कंपनी से बाहर कर दिया। उनके अनुसार, उनसे कई दस्तावेजों पर जबरन हस्ताक्षर करवा लिए गए, और यहां तक कि उनके अपने बैंक खातों तक की पहुंच भी रोक दी गई। हालांकि संजय की कंपनी की ओर से जारी बयान में हस्ताक्षर कराने वाली बात को सिरे से खारिज किया गया है।
कंपनी के शेयरों में आई गिरावट
संजय कपूर का मार्केट कैप 29000 करोड़ रुपये है। संजय के निधन के बाद कंपनी के शयरों में 8.11% की गिरावट आई है। कंपनी की ईवी व हाइब्रिड गाड़ियों के ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स में विशेषज्ञता है। यह टेस्ला, जगुआर, लैंड रोवर को स्पेयर पार्ट्स सप्लाई करती है। संजय ने कंपनी का विस्तार अमेरिका, चीन, सर्बिया, मैक्सिको तक किया। फोर्ब्स के अनुसार, संजय की नेटवर्थ 10,300 करोड़ रुपये है। उनकी संपत्ति में बड़ा हिस्सा सोना कॉमस्टार के शेयर, ऑरियस इन्वेस्टमेंट यानी कपूर परिवार की निवेश फर्म का हे7 इसके अलावा मुंबई, दुबई और लंदन में बंगले और 25 करोड़ रुपये की हाई एंड कारें भी हैं।
कंपनी का बचाव और कानूनी स्थिति
सोना कॉमस्टार और प्रमोटर संस्था Aureus Investments Pvt. Ltd. ने सेबी को पत्र भेजकर इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। कंपनी का कहना है कि रानी कपूर साल 2019 से न तो कंपनी की शेयरहोल्डर हैं और न ही डायरेक्टर। कंपनी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि संजय कपूर की मृत्यु के बाद सभी प्रक्रियाएं कंपनी अधिनियम और SEBI (सेबी) के नियमों के तहत की गई हैं। इसके साथ ही वार्षिक आम बैठक (AGM) के दौरान संजय कपूर की पत्नी प्रिया को नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया। जिसे सेबी की भी स्वीकृति प्राप्त है।
संपत्ति की कुल वैल्यू और कानूनी लड़ाई
संजय कपूर की कुल संपत्ति का मूल्य 10,300 करोड़ से 13,000 करोड़ रुपये तक आंका गया है। वहीं, सोना कॉमस्टार की बाज़ार वैल्यू 31,000 करोड़ रुपये से अधिक है। इस बड़ी रकम और हिस्सेदारी के चलते कानूनी लड़ाई और पारिवारिक विवाद लगातार गहराता जा रहा है। रानी कपूर ने अब सेबी से हस्तक्षेप की अपील की है। रानी कपूर का दावा है कि संजय के पिता सुरिंदर कपूर की वसीयत के अनुसार, वह ग्रुप की सबसे बड़ी लाभार्थी और बहुसंख्यक शेयरधारक हैं। उन्होंने दावा किया कि समूह में परिवार के हितों का ध्यान रखने वाली एकमात्र वह ही हैं। हालांकि संजय कपूर की वसीयत अभी सामने नहीं आई है।
मामला कहां तक पहुंचा?
रानी कपूर का पक्ष यह मानता है कि परिवार की प्रतिष्ठा और संजय कपूर की विरासत को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें उचित हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। वहीं, कंपनी और प्रिया कपूर का पक्ष यह है कि सभी निर्णय पारदर्शी और नियमों के अनुरूप लिए गए हैं। इस घमासान में अब कई बड़े कॉर्पोरेट वकील और कानूनी सलाहकार शामिल हो चुके हैं। संजय की कंपनी सोना कॉमस्टार ने सेबी को भेजे पत्र में कहा है कि रानी कपूर साल 2019 से कंपनी की शेयरधारक नहीं हैं। कंपनी ने कानून सलाह के बाद शुक्रवार को एजीएम यानी वार्षिक सामान्य बैठक आयोजित की। कंपनी ने यह भी बताया है कि संजय कपूर की मौत के बाद उनकी मां रानी कपूर से कोई दस्तावेज साइन नहीं करवाए गए।
क्या करिश्मा कपूर को मिलेगा हिस्सा?
करिश्मा कपूर और संजय कपूर की शादी वर्ष 2003 में हुई थी, लेकिन 2016 में तलाक हो गया। तलाक के समय एक सेटलमेंट के तहत करिश्मा को एक आलीशान घर और लगभग 70 करोड़ रुपये की राशि दी गई थी। इसके अलावा, दोनों बच्चों के नाम 14-14 करोड़ रुपये के बॉन्ड भी भरे गए थे। इसलिए, मौजूदा संपत्ति विवाद में करिश्मा कपूर की कानूनी रूप से कोई भागीदारी नहीं मानी जा रही है।