बारिश के बाद किसान धान की फसल में उर्वरक छिड़काव और घास-फूस निकालने में जुट गए। बारिश के साथ चली ठंडी हवाओं ने मौसम को और भी सुहावना बना दिया। अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई और यह 33 डिग्री सेल्सियस से गिरकर 29.4 डिग्री सेल्सियस हो गया, जबकि न्यूनतम तापमान 27.3 डिग्री रहा।
जानिए मौसम वैज्ञानिक क्या बोले
दिनभर रिमझिम और कुछ स्थानों पर तेज बारिश के चलते बच्चे घरों की छतों और गलियों में मस्ती करते नजर आए। बाजारों और गलियों में लोग छतरी और रेनकोट के सहारे आते-जाते दिखे। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार यह बारिश धान की फसल के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होगी। कृषि विज्ञान केंद्र पिलखी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विनय कुमार सिंह ने कहा कि यदि यह बारिश एक सप्ताह तक जारी रही, तो फसल तेजी से बढ़ेगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि जिन्होंने अभी तक धान की नर्सरी नहीं लगाई है, वे तुरंत लगा लें, वरना समय निकल जाएगा। हालांकि, इस बारिश ने नगर पंचायत कोपागंज की नाला सफाई की पोल खोल दी। मुख्य सड़कों पर पानी लबालब भर गया। खासकर सोनकर बस्ती और दोस्तपूरा जैसे निचले इलाकों में हालत और भी खराब रहे। सोनकर बस्ती की सड़कों पर कमर तक पानी भर गया और दर्जनों घरों में पानी घुस गया, जिससे लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा।
दुकानों में पानी भरने से व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि नगर पंचायत की ओर से नालों की सफाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई, जिससे हर बारिश में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।