जनपद के करीब 115 परिषदीय विद्यालयों के भवन पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं। बारिश के मौसम में इन भवनों के ढहने की आशंका और अधिक बढ़ गई है। राजस्थान के झालावाड़ में हाल ही में एक जर्जर विद्यालय की छत गिरने से सात बच्चों की मौत की घटना ने अभिभावकों की चिंता और भय को और बढ़ा दिया है।
हाईटेंशन तार बना जानलेवा खतरा
मुहम्मदाबाद गोहना ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय गालिबपुर में कुल 342 छात्र अध्ययनरत हैं। विद्यालय के ठीक ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजर रही है, जिससे अक्सर चिंगारी निकलती रहती है। कभी भी तार टूटकर विद्यालय भवन पर गिरने की आशंका से बच्चे डरे-सहमे रहते हैं। विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरविंद कुमार ने बताया कि कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया गया, लेकिन आज तक न तो तार हटाया गया और न ही कोई अन्य सुरक्षा उपाय किए गए। छात्र आलोक गोंड, संध्या गोंड, राजनंदिनी, प्रिंस व मोहित सोनकर सहित अन्य बच्चों ने बताया कि उन्हें विद्यालय जाते समय हमेशा भय बना रहता है। विद्यालय का भवन भी वर्ष 1960 में निर्मित है और अब पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। दीवारों में दरारें साफ नजर आती हैं।
युवक की मौत के बाद भी नहीं चेता विभाग
फतहपुर मंडाव के अम्मा भेलऊर ग्राम पंचायत स्थित भंवरूपुर प्राथमिक विद्यालय की स्थिति भी बेहद गंभीर है। यहां भवन के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। लगभग दो दशक पूर्व इसी लाइन की चपेट में आकर एक युवक की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद आज तक तार नहीं हटाया गया। विद्यालय के प्रधानाध्यापक विनोद यादव और ग्राम प्रधान नखड़ू पासवान ने बताया कि बार-बार पत्राचार के बावजूद विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। विद्यालय का एक भवन जर्जर अवस्था में है और उसके ध्वस्तीकरण की प्रतीक्षा की जा रही है। वहीं वर्तमान में जिस भवन में पठन-पाठन हो रहा है वह भी क्षतिग्रस्त हो चुका है। छात्र मनीष कुमार ने कहा कि भवन और तार दोनों से जान का खतरा बना रहता है।