Mock Drill in UP: लखनऊ में 7 मई को ब्लैकआउट और मॉक ड्रिल: नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह
Uttar Pradesh Mock Drill: भारत सरकार के निर्देशानुसार, 7 मई 2025 को लखनऊ के रिजर्व पुलिस लाइन और आसपास के क्षेत्रों में शाम 7 बजे से मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट आयोजित किया जाएगा। यह अभ्यास नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
Uttar Pradesh Mock Drill: भारत सरकार द्वारा 7 मई 2025 को देशभर में मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों, जैसे कि हवाई हमलों या आतंकी हमलों, के लिए तैयार करना है। इस अभ्यास के तहत, नागरिकों को सायरन बजने पर उचित प्रतिक्रिया देने, सुरक्षित स्थानों पर जाने, और आवश्यक सावधानियाँ बरतने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
लखनऊ के रिजर्व पुलिस लाइन में शाम 7 बजे से मॉक ड्रिल शुरू होगी, जिसमें ब्लैकआउट भी शामिल होगा। यह ब्लैकआउट केवल पुलिस लाइन और आसपास के क्षेत्रों में होगा, पूरे शहर में नहीं। इस अभ्यास में सिविल डिफेंस, पुलिस, फायर सर्विस, और अन्य आपातकालीन सेवाएं भाग लेंगी। लगभग 200 सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स इस ड्रिल में हिस्सा लेंगे।
नागरिकों के लिए आवश्यक निर्देश
सायरन बजने पर तुरंत फर्श पर लेट जाएँ और अपने कानों को हाथों से बंद करें।
बिजली के उपकरणों को बंद कर दें और गैस के स्रोतों को सुरक्षित करें।
बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
सरकारी निर्देशों का पालन करें और अफवाहों से बचें।
राष्ट्रीय स्तर पर मॉक ड्रिल की योजना: यह मॉक ड्रिल देश के 244 जिलों में आयोजित की जा रही है, जिसमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, और पुणे जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। इस अभ्यास के तहत, हवाई हमले के सायरन, ब्लैकआउट, और नागरिकों की सुरक्षा के लिए विभिन्न उपाय किए जाएंगे।
NDMA द्वारा जारी वीडियो और दिशा निर्देश: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें आपातकालीन स्थितियों में नागरिकों को क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, इसकी जानकारी दी गई है। इसमें स्कूलों और घरों में अपनाए जाने वाले उपायों, जैसे कि लाइट बंद करना, खिड़कियों को ढंकना, और सुरक्षित स्थानों पर जाना, शामिल हैं।
क्या है मॉक ड्रिल और ब्लैक आउट अभ्यास
मॉक ड्रिल एक ऐसा प्रशिक्षण अभ्यास है जिसमें आपातकालीन स्थितियों जैसे युद्ध, प्राकृतिक आपदा या आतंकी हमले का आभासीय परिदृश्य तैयार किया जाता है। इसका उद्देश्य नागरिकों, सुरक्षा एजेंसियों और आपदा प्रबंधन विभाग को तैयार करना होता है ताकि वास्तविक आपातकाल के दौरान जान-माल की क्षति कम की जा सके। ब्लैकआउट के दौरान कुछ क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति अस्थायी रूप से बंद की जाती है ताकि हवाई हमले जैसी स्थिति को संभालने की रणनीति का अभ्यास किया जा सके।