नवविवाहिता के उजड़े सिंदूर का बदला है ‘ऑपरेशन सिंदूर’, भारत के जवाब से पाकिस्तान में मचा हाहाकार
Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने पर्यटकों की धर्म पूछकर हत्या कर दी थी। इस हमले में सिर्फ पुरुषों को निशाना बनाया था। आतंकियो ने महिलाओं छोड़ दिया था। कहा था कि जाकर पीएम मोदी को बता देना…। अब भारत ने 15 दिन के भीतर ‘ऑपरेशन सिंदूर ‘ से इस हमले जवाब दिया है।
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के 15 वें दिन पाकिस्तान और PoK में मंगलवार देर रात जवाबी कार्रवाई की। सेना ने एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए। भारतीय खुफिया सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में 80 से 90 आतंकवादी मारे गए, जिनमें बहावलपुर और मुरीदके के शिविरों में सबसे अधिक 25-30 दहशतगर्द ढेर हुए हैं। इस ऑपरेशन का नाम दिया गया ऑपरेशन सिंदूर। इसके नाम से ही संकेत दिया गया है कि यह उस सिंदूर का बदला है जो नई नवेली महिलाओं के माथे से पोंछ दिया गया था। ये उसी सिंदूर का बदला है, जिसे आतंक ने उजाड़ दिया था। ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम हमले में मारे गए उन 26 लोगों को सच्ची श्रद्धांजलि है, जिसमें सिर्फ पुरुषों को निशाना बनाया गया था और महिलाओं को छोड़ दिया गया था।
पहलगाम की बैसरन घाटी का वह दर्दनाक मंजर आज भी लोगों के जहन में ताजा है, जहां एक नवविवाहिता, जिसकी शादी 6 दिन पहले हुई थी, वह अपने पति के शव के पास बिलखती बैठी थी। उसने रोते हुए बताया था था कि आतंकियों ने उसके पति से पहले धर्म पूछा, फिर गोली मार दी। जब उसने कहा कि मुझे भी मार दो तो आतंकियों ने कहा तुम्हें नहीं मारेंगे। तुम्हे इसलिए छोड़ रहे हैं कि जाकर मोदी को बता देना। इसके बाद से पूरे देश में गुस्सा था।
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद का दृश्य।
आतंकी हमले के 15 दिन बाद ऑपरेशन सिंदूर
इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बैठक में सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया था। लगातार मीटिंगों चल रही थी। भारत हर स्थितियों से निटपटने के के लिए तैयारी में जुट गया था। पाकिस्तान को भी हमले का देखकर डर सताने लगा था। पाकिस्तानी नेता बयान देने लगे थे कि भारत हमला कर सकता है। आतंकी हमले के 15 दिन बाद ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च हुआ। ऑपरेशन सिंदूर केवल एक जवाबी कर्रवाई नहीं, बल्कि यह चेतावनी है कि जो सिंदूर मिटाने की कोशिश करेगा, उसे करारा जवाब मिलेगा।
हिंदू धर्म में सिंदूर का क्या है महत्व
हिंदू धर्म में सिंदूर का विशेष महत्व है। इसका धार्मिक और सांस्कृतिक आधार है। सिंदूर सिर्फ सौंदर्य का प्रतीक ही नहीं , बल्कि इसके पीछे कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, सिंदूर को विवाहित महिलाओं के सौभाग्य और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। मांग में सिंदूर भरना यह दर्शाता है कि महिला विवाहित है और अपने पति की दीर्घायु और खुशहाल जीवन की कामना करती है। मान्यता है कि यह परंपरा माता पार्वती और भगवान शिव के विवाह से चली आ रही है। सिंदूर को देवी लक्ष्मी और दुर्गा से भी जोड़ा जाता है। इसे शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सिंदूर लगाने से महिलाओं के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन बना रहता है।
वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो सिंदूर मुख्य रूप से पारा (मर्करी), हल्दी, और चूने का मिश्रण होता है। पारा मानसिक तनाव को कम करने और तंत्रिका तंत्र को शांत करने में सहायक होता है। सिंदूर मांग के जिस स्थान पर लगाया जाता है। वह स्थान महिला के मस्तिष्क के सामने वाले हिस्से से जुड़ा होता है, जो मानसिक शांति और स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है।