सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्र से सवाल किया- सरकार बताए कि पाकिस्तान के पीछे कौन सा देश है। हमें चीन से उतना ही खतरा है, जितना आतंकवाद से हैं। जिन एयरक्राफ्ट को नींबू-मिर्च लगाकर पूजा, वे कितने उड़े थे?
भाजपा को जनता के इमोशन की नहीं परवाह
इसके आगे अखिलेश यादव ने कहा कि आजादी के इतने सालों बाद भी मुद्दे बने हुए हैं। हम कुछ ऐसा क्यों न करें जिससे कि हमारी सीमाएं शांत रहें और सुरक्षित रहें। पहलगाम की घटना ने साबित कर दिया कि लापरवाही हमारे नागरिकों की जान ले सकती हैं। उन्होंने कहा कि आप जनता के इमोशन के साथ खेल रहे हैं।
करप्शन जगह–जगह से टपक रहा
हमारा कोई भी पड़ोसी देश हमारे साथ नहीं है। पड़ोसी देश हमारी सीमाओं पर अतिक्रमण कर रहा है। सपा ने हमेशा देश की सरकारों को चेताया है कि असली चुनौती किससे हैं। सीमाओं से समझौता नहीं करना चाहिए। सरहदों के साथ देश के कारोबार को भी चुनौती मिल रही है। सरकार को अपने कदम पीछे नहीं करने चाहिए। सरकार बताएं पाकिस्तान के साथ कौन सा देश खड़ा है। चीन से हमें उतना ही खतरा है। जितना आतंकवाद से खतरा है। सरकार की नीतियां फैसले ऐसे हैं, जो हमारा सीमाओं का अतिक्रमण कर रहा है, उसी की व्यापारिक गतिविधियों में मदद कर रहे हैं।
हमारा कारोबार व्यापार मजबूत होगा तो कोई हमें चुनौती नहीं दे पाएगा। स्वदेशी की नीति को सरकार ने ताक पर रख दिया है। देश को ट्रेडर बनाकर छोड़ दिया है। ट्रेडर की मुनाफा वसूली से महंगाई हो रही है। भ्रष्टाचार से टंकियां गिर रही हैं। करप्शन जगह–जगह से टपक रहा है।
‘क्यों हुआ इंटेलिजेंस फेलियर’
सपा प्रमुख ने आगे कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि सरकार क्या-क्या कदम उठा रही है कि ऐसी घटना भविष्य में न हो। क्योंकि पहलगाम से पहले पुलवामा भी हुआ था, उसमें भी इंटेलिजेंस फेलियर था। सरकार को इसकी जानकारी देनी चाहिए कि जब भाजपा सरकार में आई थी, और आज जब हम सदन में चर्चा कर रहे हैं तो भारत का क्षेत्रफल क्या है। पहलगाम में हुए आतंकी घटना के जवाब में एलजी साहब ने कहा कि यह इंटेलिजेंस फेलियर है, लेकिन यह नहीं बताया कि यह फेलियर क्यों हुआ। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विदेशी लोगों ने दावा किया उन्होंने उसे रुकवाया है। ये बात कई बार आई है कि किसने रुकवाया। हमसे हमारी संप्रभुता खंडित हुई है। देश की विदेश नीति पूरी तरह फेल है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किसी भी देश ने हमारा साथ नहीं दिया। हमारे पड़ोसी देश या तो अतिक्रमण कर रहे हैं या हमारा साथ नहीं दे रहे हैं। सीमाओं से समझौता नहीं करना चाहिए।
‘अगर पाकिस्तान से खतरा है तो चीन राक्षस है’
सरकार हर बार बचने की कोशिश करती है। पाकिस्तान से जुड़ी हमारी सीमाओं पर हमेशा आतंक से खतरा रहता है। दूसरी सीमाओं पर भी लगातार खतरा बढ़ता जा रहा है। गलवान से पहले की स्थिति नहीं लौटी है। नियंत्रण रेखा के करीब गश्त के लिए जगह नहीं है। हमें उम्मीद है कि इतने महत्वपूर्ण समय पर बहस हो रही है तो अग्निवीर योजना को वापस लेकर सेना को पूरी क्षमता मिल सके। भारत की सीमाओं की सुरक्षा पर गंभीरता से सोचना होगा। सीमाओं पर अतिक्रमण हो रहा है। चीन ने वाहन निर्माताओं के लिए दुर्लभ सामानों की आपूर्ति रोक दी है। हम आत्मनिर्भर का नारा दे रहे हैं। हम किस पर निर्भर होते जा रहे हैं। कुछ महीने बाद सरकार बीजिंग में मंत्री अधिकारी मिलकर कोई बड़ी मीटिंग करने जा रहे। हमें पाकिस्तान के अलावा चीन से भी सावधान रहना पड़ेगा। हमारा खतरा पाकिस्तान से नहीं बल्कि चीन से है। वो ना हमारी जमीन छीन रहा है, बल्कि हमारा बाजार भी छीन रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि आत्मनिर्भर भारत का नारा कुछ व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। याद रखें अगर हमें पाकिस्तान से खतरा है तो चीन राक्षस है।
‘ऑपरेशन महादेव में एनकाउंटर कल ही क्यों हुआ?’
उन्होंने आगे कहा कि ये जो अभी आतंकवादी मारे गए हैं हम सभी खुश हैं। लेकिन इस पर हर जगह राजनीति लाभ कौन उठा रहा है। जब समर्थन की बात आई तो सभी राजनीति दल आपके साथ थे। आखिरकार एनकाउंटर कल ही क्यों हुआ। अगर इतना ही ये टेक्नॉलॉजी जानते हैं तो आखिर पुलवामा की जिस गाड़ी में आरडीएक्स आया, वो गाड़ी आजतक क्यों नहीं पकड़ी गई। अगर आज भी भाजपा चाहे तो पुलवामा में जो गाड़ी आई थी वो किस रास्ते से आई थी वो पता लगा सकते हैं।