कई प्रमुख संवैधानिक और कानूनी विशेषज्ञों से विचार-विमर्श
जेपीसी इस प्रस्ताव पर गंभीर मंथन कर रही है और अब तक देश के कई प्रमुख संवैधानिक और कानूनी विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया जा चुका है। समिति की ओर से यह प्रयास किया जा रहा है कि यह प्रस्ताव भारतीय संविधान की भावना और ढांचे के अनुरूप हो।
एनके सिंह सहित ये लोग रखेंगे अपनी राय
बुधवार की बैठक में पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं पंद्रहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह, जो योजना आयोग के सदस्य और पूर्व प्रधानमंत्री के सचिव भी रह चुके हैं, इस विषय पर अपनी राय रखेंगे। उनके साथ प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और अशोका विश्वविद्यालय के आइज़ैक सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी की प्रमुख डॉ. प्राची मिश्रा भी मौजूद रहेंगी।
विशेषज्ञों से ली जाएगी राय
जेपीसी के चेयरमैन पीपी चौधरी ने कहा कि समिति इस मुद्दे को बेहद गंभीरता से ले रही है। उन्होंने बताया, देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीशों सहित कई कानूनी विशेषज्ञों ने समिति के समक्ष अपने विचार रखे हैं। हमारा प्रयास है कि यह विधेयक पूरी तरह संवैधानिक और व्यावहारिक हो।
सभी पक्षों की सुनाई जाएगी बात
उन्होंने कहा कि समिति की यह बैठक एक और अहम कदम है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी पक्षों की बात सुनी गई है और सभी दृष्टिकोणों को ध्यान में रखकर सिफारिशें तैयार की जाएं। इस बैठक के बाद समिति द्वारा अंतिम रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया और तेज होने की उम्मीद है, जिससे ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ की दिशा में ठोस पहल की जा सके।