सत्ताधारी भाजपा लगातार तीसरी जीत हासिल करने के लिए अपनी रणनीति मजबूत कर रही है, जिसमें नाराज नेताओं को साधना और जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने वाले प्रभावशाली हस्तियों को अपने पाले में लाना शामिल है। राकेश टिकैत की यह मुलाकात, पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार से उनकी पिछली बैठक के बाद हुई है, जो दर्शाती है कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई नए समीकरण देखने को मिल सकते हैं।
बृजेश पाठक और डिप्टी सीएम की मुलाकात के क्या हैं मायने
किसान नेता राकेश टिकैत और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक की मुलाकात के कई सियासी मायने बताए जा रहे हैं। यह मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि राकेश टिकैत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं और 2020-21 के किसान आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक रहे हैं। उनकी अगुवाई में भारतीय किसान यूनियन ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लंबा आंदोलन चलाया था, जिसके बाद इन कानूनों को निरस्त किया गया। ऐसे में, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के साथ टिकैत का यह संवाद सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
दोनों नेताओं ने इस मुलाकात को बताया शिष्टाचार भेंट
इस मुलाकात को दोनों नेताओं ने शिष्टाचार भेंट बताया। किसान नेता राकेश टिकैत ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट लिखा आज उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक जी से उनके लखनऊ स्थित आवास पर मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना और किसानों व जनहित के विषयों पर चर्चा की। वहीं डिप्टी सीएम आज आवास पर भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ नेता राकेश सिंह टिकैत जी से भेंट कर कुशलक्षेम जाना। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुलाकात पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लिए जाट समुदाय और किसानों के बीच अपनी स्थिति मजबूत करने की दिशा में एक कदम हो सकती है। टिकैत ने 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी के खिलाफ किसानों से वोट न देने की अपील की थी, जिसका असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों पर देखा गया था। ऐसे में यह मुलाकात दोनों पक्षों के बीच सुलह की कोशिश के रूप में देखी जा रही है।