इस खास मौके पर हम आपको एक अनोखी कहानी बताने जा रहे हैं। अक्सर आपके मन में ये ख्याल आता होगा कि बाघ के मरने के बाद उनके शव का क्या होता है। दरअसल कुछ महीने पहले राजस्थान के
रणथंभौर टाइगर रिजर्व में एक बाघ T-86 की मौत के बाद उसका विधिपूर्वक अंतिम संस्कार किया गया। चिता सजाई गई और मुखाग्नि दी गई। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद कुछ लोगों ने सवाल उठाए कि बाघ को जलाया क्यों गया, उसे दफनाया क्यों नहीं गया? इसका जवाब सीधा है। बाघों की सुरक्षा और अंगों की तस्करी रोकने के लिए।
क्या है इसके पीछे की असली वजह?
साल 2004 से पहले जब भी किसी बाघ की मौत होती थी, उसे गड्ढा खोदकर दफना दिया जाता था। लेकिन उसी साल सरिस्का टाइगर रिजर्व (अलवर) में एक बाघ की हत्या और उसकी हड्डियों की तस्करी का मामला सामने आया। तस्करों ने दफनाए गए बाघ का शव खोदकर अंग निकाल लिए थे। इस गंभीर घटना के बाद नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) ने सख्त नियम बनाए। अब किसी भी बाघ की मौत पर उसका अंतिम संस्कार यानी दाह संस्कार किया जाता है, जिससे उसकी बॉडी पूरी तरह जल जाए और कोई भी अंग तस्करी के लिए न बच पाए।
कैसे होता है अंतिम संस्कार?
NTCA की बनाई कमेटी जिसमें वन विभाग, प्रशासन, पुलिस और NTCA के लोग शामिल होते हैं, वे सभी मौके पर मौजूद रहते हैं और पूरा ध्यान रखते हैं कि बाघ का शव पूरी तरह से जल जाए।