हे राम! पिता ने दी बच्चों की चिताओं को मुखाग्नि, फूट पड़ी रुलाईपिपलोदी में चीख-पुकार, एक साथ उठीं 6 बच्चों की अर्थियां
स्कूल हादसे के शिकार 7 बच्चों में से 6 की अंत्येष्टि पिपलोदी गांव में की गई, जबकि एक बच्चे के शव को पास के गांव चांदपुरा भीलान


मनोहर थाना.झालावाड़. झालावाड़ जिले के मनोहर थाना उपखंड के पिपलोदी गांव में हुए स्कूल हादसे के शिकार 7 बच्चों में से 6 की अंत्येष्टि पिपलोदी गांव में की गई, जबकि एक बच्चे के शव को पास के गांव चांदपुरा भीलान ले जाया गया। जैसे ही शव गांव पहुंचे पूरे गांव में कोहराम मच गया। शवोें के पहुंचने से पहले ही अर्थियां बनाना शुरू कर दिया गया था। भारी पुलिस बल के साथ दुर्घटना स्थल के समीप बने शमशान तक लाया गया। हादसे का शिकार हुए दो सगे भाई-बहन कान्हा और मीना को एक ही अर्थी पर लेटाया गया। शमशान में सभी की अंतिम क्रिया एक साथ की गई तथा पांच चिताओं पर छह बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया। सभी बच्चों की चिताओं को उनके पिताओं ने मुखाग्नि दी। बच्चों की चिताओं को जैसे ही अग्नि दी वहां मौजूद लोगों की रुलाई फूट पड़ी।
मातम, सन्नाटा और गुस्सा…
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के किसी भी घर में कल से ही चूल्हा नहीं जला है तथा पूरे गांव में तनावपूर्ण मातम और सन्नाटा पसरा हुआ है। गांव के लोगों में हादसे के बाद बहुत गुस्सा है। हादसे में एक परिवार का इकलौता चिराग बुझ गया तो वहीं एक परिवार की दोनों संतान मौत के मुंह में समा गई। जिन बच्चों की मौत हुई है उनमें से अधिकांश की उम्र 7 से 10 साल के बीच है तथा आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर हैं। अधिकांश बच्चों के माता-पिता मेहनत मजदूरी करके अपना परिवार चलाते हैं।
अब किसको बांधेगी राखी, बहनों का रो-रोकर बुरा हाल…
– चार बहनों के इकलौते भाई का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार
झालावाड़. कार्तिक की अर्थी देख बहनों की चीखों से गांव में चित्कार मच गई। रो-रोकर सिर्फ एक ही बात बोल रही थी अब किसको बांधेंगे राखी…। इस सवाल ने वहां मौजूद हर शख्स का दिल चीर दिया। झालावाड़ जिले के मनोहर थाना उपखंड के पीपलोदी गांव में शुक्रवार को स्कूल की छत गिरने से हुए दिल दहला देने वाले हादसे ने चार बहनों का इकलौता भाई छीन लिया। मृतक कार्तिक (8 वर्ष) हरकचंद लोधा का बेटा था। उसकी बुआ संजू बाई ने बताया कि वह चार बहनों में इकलौता था और सबसे छोटा भी। बड़ी बहन आरती कक्षा 7 और मनीषा कक्षा 6 में पढ़ती हैं, जो इस हादसे में घायल हो गईं। बाकी दो बहनें प्रियंका और रामकन्या पास के गांव आंवलहेड़ा में पढ़ाई करती हैं। कार्तिक की अर्थी देख बहनों की चीखों से हर कोई द्रवित हो गया। हर आंख नम थी और जुबां खामोश।
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भाई-बहन की अर्थी देख हर आंख नम, एक साथ दी मुखाग्नि
जब एक साथ अर्थी पर दो मासूम सगे भाई-बहन कान्हा और मीना को शमशान ले जाया गया तो वहां मौजूद हर आंख नम हो गई। थोड़ी दूर बैठी मां के करुण विलाप से माहौल इतना भावुक हो गया कि आसपास मौजूद लोग भी उसे ढांढस बंधाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। पीपलोदी के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले कक्षा 1 के कान्हा और कक्षा 5 की मीना की इस हादसे में मौके पर ही मौत हो गई। दोनों छोटूलाल रैदास के पुत्र-पुत्री थे। हादसे ने उसके परिवार की खुशियां ही छीन ली। एक ही दिन में दोनों बच्चों को खो देने का ग़म परिवार सहन नहीं कर पा रहा है। पूरे गांव में मातम का माहौल है। मृतक बच्चों के ताऊ बद्रीलाल रैदास ने बताया कि शुक्रवार सुबह कान्हा और मीना स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहे थे। किसी को क्या पता था कि वे दोनों कभी लौटकर नहीं आएंगे।
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