scriptJhalawar School Incident: बड़ा खुलासा, शिक्षा विभाग की अब तक की सर्वे रिपोर्ट में 2255 विद्यालय भवन जर्जर | Jhalawar School Incident​Big disclosure in the report of the education department: 2255 school buildings are in dilapidated condition in the survey report so far | Patrika News
जयपुर

Jhalawar School Incident: बड़ा खुलासा, शिक्षा विभाग की अब तक की सर्वे रिपोर्ट में 2255 विद्यालय भवन जर्जर

School Safety: राजस्थान के 2255 विद्यालय भवन जर्जर घोषित, 30 जुलाई तक मांगी गई रिपोर्ट। झालावाड़ हादसे के बाद शिक्षा विभाग सतर्क, GIS टैगिंग से होगी निगरानी। शिक्षा विभाग का बड़ा कदम: हर विद्यालय की होगी भौतिक स्थिति की समीक्षा।

जयपुरJul 27, 2025 / 08:11 pm

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Rajasthan School Survey: जयपुर। झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव स्थित राजकीय विद्यालय में हुई दुःखद दुर्घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। घटना के बाद शिक्षा विभाग ने राज्य के समस्त विद्यालय भवनों की स्थिति का पुनः मूल्यांकन शुरू कर दिया है। इस दिशा में संवेदनशीलता और सक्रिय समन्वय के साथ कार्य करते हुए विभाग ने अब तक की सर्वे रिपोर्ट में 2255 विद्यालय भवनों को जर्जर स्थिति में चिन्हित किया है।

राज्य स्तरीय निगरानी और रिपोर्टिंग में तेजी

इस हादसे के बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, शासन सचिव कृष्ण कुणाल और राज्य परियोजना निदेशक एवं आयुक्त अनुपमा जोरवाल ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और तत्परता से निर्देश जारी किए। अब राज्य स्तर पर समन्वय स्थापित करते हुए सभी जिलों को 30 जुलाई तक ‘कलेक्टरफॉर्मेट’ में विस्तृत रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट में भवन के प्रत्येक खंड की स्थिति, आवश्यक मरम्मत, ध्वस्तीकरण, मूलभूत सुविधाएं और सुरक्षा जोखिम शामिल होंगे।

GIS टैगिंग और ऐप से निगरानी व्यवस्था

शासन सचिव द्वारा जर्जर भवनों की GISटैगिंग और ऐप आधारित निगरानी व्यवस्था को मंजूरी दे दी गई है। इससे इन भवनों की स्थिति पर राज्य स्तर से रीयल टाइम निगरानी संभव होगी। जहां आवश्यकता होगी, वहां वैकल्पिक कक्षों की तत्काल व्यवस्था की जाएगी, जिससे बच्चों की पढ़ाई और सुरक्षा प्रभावित न हो।

फील्ड निरीक्षण और हरियालो राजस्थान अभियान

29 जुलाई तक सभी जिला शिक्षा अधिकारी और परियोजना अधिकारी विद्यालयों में फील्ड निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण के दौरान रिपोर्टिंग की गुणवत्ता, सुरक्षा प्रबंधन और ‘हरियालोराजस्थान’ अभियान की प्रगति की समीक्षा भी की जाएगी। 28 जुलाई को सुबह 8 बजे सभी विद्यालयों में पौधारोपण का आयोजन किया जाएगा, जिसे एक प्रतीकात्मक पुनर्निर्माण और मानसिक संबल की प्रक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।

Zero Tolerance की नीति लागू

शासन सचिव कुणाल ने स्पष्ट किया है कि बच्चों की सुरक्षा में किसी प्रकार की लापरवाही या राजनीतिक हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हादसे के तुरंत बाद संबंधित प्रधानाचार्य सहित पांच शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि आपदा की स्थिति में औपचारिक प्रक्रियाओं की प्रतीक्षा करने की बजाय मानवीय जिम्मेदारी निभाई जाए।

विद्यालय परिसरों की संपूर्ण सुरक्षा जांच

विद्यालय परिसरों के आसपास के खतरनाक स्थानों, जैसे गड्ढे, टूटी हुई नालियां या असुरक्षित रास्तों की रिपोर्ट तत्काल स्थानीय प्रशासन को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

गैर-जरूरी गतिविधियों पर अस्थायी रोक

आगामी 7 से 8 दिनों तक शिक्षा विभाग के कार्यालयों में किसी भी प्रकार का समारोह आयोजित नहीं किया जाएगा। स्थानांतरण, समायोजन जैसे सामान्य प्रशासनिक कार्य भी स्थगित कर दिए गए हैं ताकि विभाग की समस्त ऊर्जा विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में लगाई जा सके।

सक्रिय समन्वय और जवाबदेही की ओर बढ़ता विभाग

झालावाड़ की यह घटना पूरे राज्य के लिए चेतावनी बनकर सामने आई है। शिक्षा विभाग इसे एक संरचनात्मक पुनर्समीक्षा के अवसर के रूप में लेकर कार्य संस्कृति में बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। यह सक्रियता अब केवल विभागीय निर्देश नहीं, बल्कि एक उत्तरदायी और मानवीय दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति बन रही है।

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