गंभीर हालत में पहुंचा अस्पताल, तुरंत शुरू हुई कार्रवाई
बालक ने खेलते समय गलती से सिक्का निगल लिया, जिससे उसे तेज गले में दर्द और उल्टियां होने लगीं। घबराए हुए माता-पिता उसे तुरंत आरयूएचएस अस्पताल की आपातकालीन इकाई में लेकर पहुंचे। वहां मौजूद चिकित्सकों ने स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए तत्काल ऑपरेशन थिएटर में शिफ्ट कर आपात सर्जरी शुरू की।
विशेषज्ञों की टीम ने दिखाई दक्षता
ईएनटी विभाग के प्रमुख प्रो. डॉ. राघव मेहता, प्रोफेसर डॉ. महेन्द्र सिंह हाड़ा, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विकास रोहिला और डॉ. सुमन बिश्नोई, डॉ. दिया शर्मा की टीम ने सर्जरी की अगुवाई की। वहीं एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. वरुण सैनी, डॉ. मनीष खंडेलवाल, डॉ. मनोज सोनी और डॉ. बुधराम ने अपनी टीम के साथ ऑपरेशन में सफलता दिलाई। सिस्टर नाथी और अन्य नर्सिंग स्टाफ की भी अहम भूमिका रही।
सफल रही जटिल सर्जरी
बच्चे को सामान्य बेहोशी देकर एंडोस्कोपी (दूरबीन तकनीक) की मदद से गले से सिक्का सावधानीपूर्वक निकाला गया। पूरी प्रक्रिया कुछ ही देर में सफलतापूर्वक पूरी हो गई और बच्चा अब पूर्णतः स्वस्थ है।
संवेदनशील स्थिति में भी दिखाया साहस
प्रो. डॉ. राघव मेहता ने बताया कि अगर थोड़ी भी देर हो जाती, तो सिक्का सांस की नली में जाकर जानलेवा बन सकता था। लेकिन टीम की तत्परता और कौशल से एक मासूम की जिंदगी बचा ली गई।
राज्य सरकार का निरंतर प्रयास
चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री अम्बरीष कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशानुसार आरयूएचएस अस्पताल में विशेषज्ञ सेवाओं का विस्तार लगातार किया जा रहा है ताकि जटिल मामलों में भी रोगियों को त्वरित और भरोसेमंद इलाज मिल सके। अस्पताल अधीक्षक डॉ. महेश मंगल ने कहा, “यह सफलता पूरे अस्पताल की सामूहिक कार्यशैली और समर्पण का परिणाम है। राज्य सरकार द्वारा अस्पताल को निरंतर तकनीकी और चिकित्सकीय संसाधनों से सशक्त किया जा रहा है।”