मौजूद दो अन्य बच्चों ने भी उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए। उनकी सूचना पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। सूचना मिलते ही परिजन और ग्रामीण घटनास्थल पहुंचे तथा बच्चों को पानी से बाहर निकाला, लेकिन तब तक उनकी सांसें थम चुकी थी। मृतक बालकों के शव कानूजा अस्पताल ले जाया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंपे।
परिवार का बुझा इकलौता चिराग
हादसे में जान गंवाने वाले तीन बच्चों में दो चचेरे भाई-बहन थे, जबकि तीसरा भी उन्हीं का रिश्तेदार था। मृतक राहुल और खुशी चचेरे भाई-बहन थे, वहीं जितेंद्र रिश्ते में भाई था। तीनों बच्चे स्थानीय विद्यालय में अध्ययनरत थे। राहुल अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था, उसकी दो बहनें हैं। खुशी अपने परिवार में चार बहनों और दो भाइयों के बीच थी। वहीं, जितेंद्र के परिवार में दो भाई और एक बहन है।