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हुबली

आर्थिक दृष्टि से नुकसान के साथ ही सेहत को कमजोर कर रहा नशा

मुनि विनीत कुमार का कहना है कि नशे से बहुत नुकसान है। आर्थिक दृष्टि से नुकसान के साथ ही सेहन को कमजोर कर रहा है। नशा कभी भी छोड़ सकते हैं। इस बार चातुर्मास में नैतिकता एवं नशामुक्ति पर जोर रहेगा। हुब्बल्ली चातुर्मासार्थ विराजित मुनि विनीत कुमार ने राजस्थान पत्रिका के साथ विशेष बातचीत में धर्म, ध्यान, संस्कार, संस्कृति समेत विभिन्न विषयों पर बात की। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश:

हुबलीJul 03, 2025 / 02:31 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

मुनि विनीत कुमार

मुनि विनीत कुमार

सवाल: नई पीढ़ी में संस्कारों का सींचन कैसे हो?
मुनि:
पुरानी पीढ़ी संस्कारों को जागृत करें। बच्चों को संस्कार दें। हमारे संस्कार कैसे मजबूत हो और आने वाली पीढ़ी कैसे संस्कारों का लाभ उठाएं, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
सवाल: बच्चों को आगे बढ़ाने में मां-बाप की कितनी भूमिका है?
मुनि:
बच्चों को आगे बढ़ाने में मां-बाप की अहम भूमिका रहती है। माता-पिता की बच्चों से उम्मीद व आशाएं बहुत बढ़ गई हैं।

सवाल: आजकल परिवार टूट रहे हैं, ऐसी स्थिति क्यों बन रही हैं?
मुनि:
पाश्चात्य संस्कारों के चलते परिवार टूट रहे हैं। युवा पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति को देखकर प्रेरित हो रही है।
सवाल: युवा पीढ़ी को धर्म व आध्यात्म से कैसे जोड़ सकते हैं?
मुनि:
युवा वर्ग का यदि परिवार के साथ जुड़ाव रहेगा तो धैर्य भी बना रहेगा। इससे वह आध्यात्म से भी जुड़ पाएगा। युवा आध्यात्म के क्षेत्र में आना चाहता है। आज युवा वर्ग की दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो चुकी है। हम युवा वर्ग की बात को सुनें।
सवाल: आज व्यक्ति कम उम्र में ही कई बीमारियों से ग्रसित होने लगा है। इसके क्या कारण है?
मुनि:
हमारा खान-पान एवं आहार-व्यवहार बदल गया है। ऐसे में दिनचर्या बदल गई है। यही वजह है कि हम बीमारियों से अधिक ग्रसित होने लगे हैं।

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