सुबह-सुबह सक्रिय हुआ मानसून, झमाझम बारिश से बदला मौसम का मिजाज, 32 गांवों में बाढ़ का अलर्ट
Heavy Rain Red Alert: राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्र में मंगलवार सुबह-सुबह मानसून की झमाझम बारिश ने मौसम खुशनुमा कर दिया। इससे जहां नौकरी पेशा लोगों को परेशानी हुई, वहीं गाजियाबाद में यमुना-हिंडन नदी का जलस्तर बढ़ गया। मौसम विभाग ने 32 गांवों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया है।
Heavy Rain Red Alert: दिल्ली में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है। मंगलवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में शुरू हुई मानसून की झमाझम बारिश से जहां मौसम सुहाना हो गया, वहीं नौकरी पेशा लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई इलाकों में सड़कों पर जलभराव और लंबा ट्रैफिक जाम देखने को मिला। आईटीओ और पंचकुइयां रोड सहित कई स्थानों पर लोग गाड़ियों को पानी में धक्का लगाते नजर आए। मौसम विभाग ने दिल्ली और एनसीआर में तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। विभाग के मुताबिक, आज दिल्ली, पानीपत, सोनीपत, गन्नौर, सोहना, नूंह, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, भिवाड़ी, और आसपास के कई इलाकों में 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
मौसम विभाग ने आज दिल्ली में बादल छाए रहने और गरज के साथ बारिश होने का अनुमान जताया है, जिसमें अधिकतम तापमान 30 और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। सोमवार को राजधानी में अधिकतम तापमान 35.6 डिग्री और न्यूनतम तापमान 28.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से अधिक रहा। निजी मौसम एजेंसी ‘स्काईमेट’ के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि 28 और 29 जुलाई को दिल्ली में मॉनसून की सक्रियता तेज रहेगी, क्योंकि कम दबाव का क्षेत्र राजधानी के दक्षिण से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहा है।
दूसरी ओर, गाजियाबाद में यमुना और हिंडन नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण गाजियाबाद जिले में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। खतरे को भांपते हुए जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए यमुना और हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में आने वाले 32 गांवों को हाई अलर्ट पर रखा है। साथ ही इन क्षेत्रों में अवैध रूप से बने निर्माणों को खाली करने का निर्देश जारी किया गया है।
मौसम विभाग ने दिल्ली एनसीआर में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश से यमुना-हिंडन नदी का जलस्तर बढ़ा।
डूब क्षेत्र में अवैध कब्जा, खतरे की बड़ी वजह
हिंडन नदी गाजियाबाद होते हुए गौतमबुद्धनगर में यमुना से मिलती है, जबकि यमुना नदी लोनी क्षेत्र से दिल्ली में प्रवेश करती है और फिर मथुरा की ओर बढ़ती है। इन दोनों नदियों के किनारे बसे कई गांवों ने वर्षों में डूब क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण कर लिया है। कुछ क्षेत्रों में स्थायी निर्माण, व्यावसायिक प्रतिष्ठान और यहां तक कि स्कूल तक बना दिए गए हैं। इससे न सिर्फ नदी के बहाव क्षेत्र में बाधा उत्पन्न हुई है, बल्कि बाढ़ की स्थिति में जान-माल के बड़े नुकसान की आशंका भी बढ़ गई है।
प्रशासन ने जारी किया निर्देश, गांवों में मुनादी शुरू
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि, “यमुना और हिंडन के किनारे बसे गांवों में मुनादी कराकर लोगों को डूब क्षेत्र खाली करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। किसी भी प्रकार की गतिविधियों को बंद कराकर क्षेत्र को खाली कराया जाएगा।” प्रशासन ने साफ किया है कि चेतावनी के बावजूद यदि किसी व्यक्ति की जान या संपत्ति को नुकसान होता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी स्वयं उस व्यक्ति की होगी।
सिंचाई विभाग का सख्त रुख
सिंचाई निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता राजकुमार वर्ण ने बताया “डूब क्षेत्र में बाढ़ की संभावना को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। खासकर हिंडन नदी के किनारे अवैध अतिक्रमण के चलते जोखिम की संभावना कई गुना बढ़ गई है।” सिंचाई विभाग ने चेतावनी दी है कि डूब क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गतिविधि या निर्माण तत्काल बंद किया जाए। विभाग की ओर से अवैध निर्माण करने वालों को चेतावनी पत्र भी भेजे गए हैं।
साल 2023 की बाढ़ से नहीं लिया सबक
पिछले वर्ष 2023 में यमुना का जलस्तर अचानक बढ़ने से लोनी क्षेत्र में अलीपुर पुस्ता टूट गया था, जिससे अलीपुर, नवादा, बदरपुर, मीरपुर और ट्रॉनिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र सहित 20 से अधिक कॉलोनियां जलमग्न हो गई थीं। उस दौरान हुए भारी नुकसान के बावजूद अवैध निर्माणों पर रोक नहीं लगाई गई।
NGT के आदेश के बाद फिर चेतावनी
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पहले ही डूब क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी कर रखा है। अब जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग उस आदेश को जमीन पर उतारने की तैयारी में जुट गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश की आशंका के चलते नदियों का जलस्तर और अधिक तेजी से बढ़ सकता है। ऐसे में डूब क्षेत्र में बने अवैध ढांचों को समय रहते हटाना बेहद जरूरी है, ताकि दोहराव की स्थिति से बचा जा सके।
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