रेल परियोजना का रास्ता होगा साफ
इससे अभयारण्य के किसानों के साथ ही अब इंदौर-दाहोद रेल परियोजना (Indore-Dahod rail project) के कार्य को भी गति मिलेगी। उल्लेखनीय है कि सरदारपुर में वन विभाग ने दुर्लभ खरमोर पक्षी के संरक्षण के लिए अभयारण्य तैयार किया था। इसके लिए 348 वर्ग किमी क्षेत्र को अधिसूचित किया गया था। पिछले करीब एक दशक से खरमोर पक्षी इस क्षेत्र में नहीं देखा गया। इसके चलते ग्रामीणों द्वारा अधिसूचित जमीन से प्रतिबंध हटाने की मांग उठाई जा रही थी।
3 जुलाई को जारी हुआ नोटिफिकेशन
इस मामले में 3 जुलाई को राज्य सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर डिनोटिफाइड दायरे को सिमित कर दिया है। इससे 216 वर्ग किमी जमीन प्रतिबंध से मुक्त हो चुकी है। ऐसे में अब प्रतिबंधित क्षेत्र का दायरा 132 वर्ग किमी रह गया है। इस प्रतिबंध के हटने का असर यह हुआ कि सरदारपुर क्षेत्र के 14 गांवों के हजारों किसानों को उनकी जमीनों का मालिकाना हक मिल गया है। अब तक ये किसान जमीन के असली मालिक होने के बाद भी इसका इस्तेमाल अपनी मर्जी से नहीं कर पा रहे थे।
जमीन से प्रतिबंध हटा
शासन द्वारा सरदारपुर क्षेत्र (sardarpur) के गांवों की जमीन पर लगे प्रतिबंधों को हटाया गया है। इसके बाद ग्रामीणों को जमीन से जुड़े अधिकार मिलेंगे। नोटिफिकेशन की विस्तृत विवेचना की जा रही है। इसके बाद इन गांवों के लिए नए आदेश अमल में आ जाएंगे। अशोक कुमार सोलंकी, वनमंडलाधिकारी, सामान्य, धार
इन गांवों के किसानों में छाई खुशियां
खरमोर अभयारण्य का दायरा कम होने के बाद सरदारपुर क्षेत्र के गुमानपुरा, बिमरोड, छडावद, धुलेट, पिपरनी, सेमल्या, केरिया, करनावद, सियावद, अमोदिया, सोनगढ़, महापुरा, टिमायची, भानगढ़ के ग्रामीणों-किसानों में खुशियां छाई हुई है। ग्रामीण अब अपनी निजी भूमि की खरीदी-बिकी कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि पूर्व में अधिसूचित क्षेत्र 348. 12 वर्ग किमी में से 215.2872 वर्ग किमी भूमि आरक्षित क्षेत्र से बाहर हो चुकी है।
फैसले से कुछ इस तरह हो रहा बदलाव
शासन के नए निर्णय के बाद गांवों में लोगों ने सालों बाद राहत की सांस ली। मिली जानकारी के अनुसार कई किसान अपने खेतों और जमीनों के विक्रय को लेकर लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। वहीं कई लोगों ने भूमि के सौदों को लेकर कई तरह की योजनाएं बना रखी थी। अब प्रतिबंध हटने के बाद जमीन से जुड़े अधिकारी वापस अपने हाथों में आने से किसान में खुशियां छाई है।